महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे की सरकार के मंत्रिमंडल का विस्तार हो गया है. लेकिन जिस तरह मंत्रिमंडल का गठन हुआ है उसको देखकर कहा जा सकता है कि इस सरकार में बेटा, बेटी, भतीजा-भतीजे मंत्री बन गए हैं. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बेटे अदित्य ठाकरे, शरद पवार के भतीजे अजित पवार, पूर्व मुख्यमंत्री विलासराव देशमुख के बेटे अमित देशमुख, पूर्व डिप्टी सीएम और बीजेपी नेता गोपीनाथ मुंडे के भतीजे धनंजय मुंडे, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एकनाथ गायकवाड़ की बेटी वर्षा गायकवाड़ ने ली मंत्री पद की शपथ ली है. इसमें अजित पवार ने रिकॉर्ड चौथी बार डिप्टी सीएम पद की जिम्मेदारी संभाली है. पिछले डेढ़ महीने में दूसरी बार अजित पवार ने उप मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है. इससे पहले उन्होंने एनसीपी से बगावत करते हुए बीजेपी से हाथ मिला लिया था और 23 नवंबर को उप मुख्यमंत्री पद की शपथ भी ले ली थी. हालांकि 26 नवंबर को उन्हें इस्तीफा देना पड़ा क्योंकि देवेंद्र फडणवीस की अगुवाई वाली सरकार तीन दिन में ही गिर गई.
पवार के अलावा महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता अशोक चव्हाण ने भी सोमवार को कैबिनेट मंत्री की शपथ ली. एनसीपी नेता और विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष दिलीप वाल्से पाटिल, विधान परिषद में विपक्ष के पूर्व वेता धनंजय मुंडे और विधानसभा में विपक्ष के पूर्व नेता विजय वडेट्टीवार ने भी शपथ ली. राज्यपाल बी एस कोश्यारी ने नए मंत्रियों को विधान भवन में पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई. शपथ ग्रहण समारोह में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और रांकापा नेता शरद पवार मौजूद थे. एनसीपी नेता दिलीप वाल्से पाटिल, धनंजय मुंडे और कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार ने कैबिनेट मंत्रियों के रूप में शपथ ली. इसके अलावा सबकी नजरें उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे पर थी जिन्होंने मंत्री पद की शपथ ली है.
आपको बता दें कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव मे बीजेपी को 105, शिवसेना को 56, एनसीपी को 54 और कांग्रेस को 44 सीटें मिली हैं. बीजेपी और शिवसेना ने मिलकर बहुमत का 145 का आंकड़ा पार कर लिया था. लेकिन शिवसेना ने 50-50 फॉर्मूले की मांग रख दी जिसके मुताबिक ढाई-ढाई साल सरकार चलाने का मॉडल था. शिवसेना का कहना है कि बीजेपी के साथ समझौता इसी फॉर्मूले पर हुआ था लेकिन बीजेपी का दावा है कि ऐसा कोई समझौता नहीं हुआ. इसी लेकर मतभेद इतना बढ़ा कि दोनों पार्टियों की 30 साल पुरानी दोस्ती टूट गई. इसके बाद बड़े नाटकीय घटनाक्रम के बाद शिवसेना ने एनसीपी और कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बना ली. महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव मे बीजेपी को 105, शिवसेना को 56, एनसीपी को 54 और कांग्रेस को 44 सीटें मिली हैं.
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