शिवसेना नेता और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने एक साथ चुनाव कराने की अवधारणा का समर्थन करते हुए कहा कि बार-बार चुनाव कराना अर्थव्यवस्था के लिए सही नहीं है और इससे विकास भी बाधित होता है. ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव' पर उच्च स्तरीय समिति के अध्यक्ष रामनाथ कोविंद को लिखे एक पत्र में शिंदे ने कहा कि एक साथ चुनाव कराना प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगुवाई वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार द्वारा प्रस्तावित ‘‘सबसे अहम सुधारों'' में से एक है.
उन्होंने लिखा, ‘‘हमारा दृढ़ विश्वास है कि ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव' से केंद्रित और सुचारू शासन मिलेगा. देश के किसी न किसी हिस्से में चुनाव चलते रहने के कारण शासन पर ध्यान केंद्रित करना काफी मुश्किल हो जाता है क्योंकि पूरा ध्यान इन चुनावों को जीतने पर केंद्रित हो जाता है.''
उन्होंने 24 जनवरी को लिखे पत्र में कहा था कि ‘‘प्रधानमंत्री से लेकर मुख्यमंत्री, सांसद, विधायक और सभी नेता इन चुनावों में भाग लेते हैं. इससे विभिन्न स्तरों पर प्रशासन वस्तुत: पंगु हो जाता है.'' शिंदे ने कहा कि मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, तेलंगाना और मिजोरम में विधानसभा चुनाव ‘‘लोकसभा चुनाव से महज चार महीने पहले'' हुए जबकि महाराष्ट्र, हरियाणा और कुछ अन्य राज्यों में लोकसभा चुनाव के छह महीने के भीतर चुनाव होंगे.
उन्होंने कहा, ‘‘इतने कम वक्त में इन चुनावों में काफी पैसा खर्च किया जाएगा. हमें लगता है कि एक साथ चुनाव कराने से न केवल निर्वाचन आयोग या सरकार के लिए बल्कि राजनीतिक दलों के लिए भी चुनाव का खर्च काफी हद तक कम हो जाएगा.''
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