दतिया के रतनगढ़ मंदिर में हुई भगदड़ के मामले में सरकारी अधिकारियों को निलंबित करने का सिलसिला शुरू हो गया है। राज्य सरकार की ओर से इस मामले में लापरवाही बरतने के आरोप में इलाके के कलेक्टर और एसपी सहित चार अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है। वहीं इस मामले की आज से जांच भी शुरू हो रही है।
सरकार की ओर से 17 पुलिसकर्मियों को भी निलंबित कर दिया गया है। मंदिर के पास हुई इस भगदड़ के बाद लोगों ने आरोप लगाया था कि कुछ पुलिसवालों ने रिश्वत लेकर ज्यादा गाड़ियों को आगे जाने दिया जिस वजह से जरूरत से ज्यादा लोग परिसर में पहुंच गए और इंतजाम नाकाफी साबित हुए।
रविवार को दतिया के रतनगढ़ मंदिर में हुई भगदड़ में 115 लोगों की मौत हो चुकी है। इस हादसे में 100 से ज्यादा लोग घायल भी हुए थे। घायलों में से कई की हालत अभी भी नाजुक बनी हुई है, जिस वजह से मरने वालों की संख्या में बढ़ोतरी हो सकती है।
सोमवार को मुख्यमंत्री शिवराज चौहान ने घटनास्थल का दौरा किया और दतिया के अस्पताल में जाकर घायलों का हालचाल पूछा। चौहान ने इस हादसे को दुखद बताया है और राज्य सरकार की ओर से घायलों को पूरा सहयोग देने की बात कही है। वहीं मरनेवालों और घायलों के लिए मुआवजे का भी ऐलान किया है।
वहीं इस हादसे पर अब सियासत भी जारी है। कांग्रेस ने जहां एक ओर इस हादसे के बाद मुख्यमंत्री चौहान का इस्तीफा मांगा है, वहीं बीजेपी का कहना है कि वह इस हादसे को लेकर वह संवेदनशील है और ऐसा नहीं है कि कांग्रेस सरकार के दौरान ऐसे हादसे नहीं हुए हैं।
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