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2 hours ago
नई दिल्‍ली:

गोवा के बर्च बाय रोमियो लेन नाइटक्लब अग्निकांड के आरोपी सौरव और गौरव लूथरा को भारत लाने की कवायद तेज हो गई है. इस प्रक्रिया के तहत सौरभ लूथरा और गौरव लूथरा को फुकेट से बैंकॉक ले आया गया है और उन्हें वहां के इमिग्रेशन डिविजिन सेंटर में रखा गया है. लूथरा ब्रदर्स के लिए भारतीय दूतावास से जल्द इमरजेंसी ट्रेवल सर्टिफिकेट जारी किया जाएगा. 6 दिसंबर को नाइटक्‍लब में लगी आग के बाद 8 दिसंबर को गोवा पुलिस ने दोनों भाइयों के लिए लुकआउट सर्कुलर जारी किया. फिर, CBI के जरिए इंटरपोल से ब्लू कॉर्नर नोटिस मांगा गया. इंटरपोल ने ये नोटिस 9 दिसंबर को जारी कर दिया. गोवा सरकार ने MEA से पासपोर्ट रद्द करने का अनुरोध किया. MEA के तुरंत इस पर कार्रवाई करते हुए दोनों के पासपोर्ट को सस्पेंड कर दिया. पासपोर्ट सस्पेंड होते ही दोनों की थाइलैंड में मौजूदगी अवैध हो गई और उन्‍हें हिरासत में ले लिया गया.

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चुपके से ‘सॉल्ट पैन’ को रिहायशी क्षेत्र में बदला

बर्च बाय रोमियो लेन’ नाइटक्लब की जमीन के मूल मालिक होने का दावा करने वाले एक व्यक्ति ने आरोप लगाया कि क्लब को फायदा पहुंचाने के लिए उसकी संपत्ति के एक हिस्से को बिना जानकारी के ‘सॉल्ट पैन’ से रिहायशी क्षेत्र में बदल दिया गया. ‘सॉल्ट पैन’ ऐसी जगह होती है जहां खारे पानी (समुद्री पानी) को धूप में सुखाया जाता है, और इसके बाद जो नमक बच जाता है, उसे इकट्ठा किया जाता है. प्रदीप घाड़ी अमोणकर ने बताया कि उन्होंने यह जमीन 1994 में खरीदी थी और 2004 में सुरिंदर कुमार खोसला के साथ बिक्री समझौता किया था, जो भुगतान न होने के कारण रद्द हो गया. इसके बावजूद खोसला ने जमीन पर नाइटक्लब शुरू कर दिया, जिसे बाद में ‘बर्च बाय रोमियो लेन’ के मालिक सौरभ और गौरव लूथरा ने ले लिया.

गोवा नाइटक्‍लब आग सिस्टम की लापरवाही

गोवा नाइटक्‍लब आग का यह केस सिर्फ अग्निकांड नहीं, सिस्टम की लापरवाही को भी दिखाता है. लूथरा ब्रदर्स के भागने से सवाल उठे, उन्हें सेफ्टी क्लियरेंस कैसे मिले? अफसर जिम्मेदार क्यों नहीं? लेकिन इन सब के बीच अच्छी खबर ये रही कि उन्हें भारत वापस लाने की प्रक्रिया में भारतीय एजेंसिया फेल नहीं हुईं और दोनों भाइयों का डिपोर्टेशन पक्का हो गया है.

दिल्‍ली की कोर्ट मेंसामने आई लूथरा ब्रदर्स की चालाकी

दिल्ली की कोर्ट में गुरुवार को सुनवाई के दौरान लूथरा बंधुओं की चालाकी खुलकर सामने आ गई. जांच में पता चला कि 6 दिसंबर को गोवा के क्लब में आग लगी, जिसमें 25 लोगों की दर्दनाक मौत हुई. इसके तुरंत बाद दोनों भाइयों ने देश छोड़ने का प्लान बना लिया था. अदालत ने सौरभ और गौरव लूथरा की ट्रांजिट अग्रिम जमानत याचिकाओं को खारिज कर दिया. कोर्ट ने कहा कि उनके खिलाफ आरोप पहली नजर में बेहद गंभीर हैं. गौरव लूथरा ने अंतरिम राहत पाने के लिए अपनी मेडिकल कंडीशन का हवाला दिया था. इसमें सीजर डिसऑर्डर और हाइपरटेंशन जैसी बीमारियां शामिल थीं. हालांकि, कोर्ट ने इन दलीलों को भी सिरे से खारिज कर दिया. कोर्ट ने ये भी कहा कि ‘जान को खतरा’ होने की दलील भी बेबुनियाद है. कानून से भागने वाले व्यक्ति को कोर्ट से मदद की उम्मीद नहीं करनी चाहिए.

कैसे भारत आएंगे लूथरा ब्रदर्स?

गोवा नाइटक्‍लब आग के गुनाहगारों को भारत लाने की तैयारियां चल रही हैं. सूत्रों के मुताबिक, लूथरा ब्रदर्स को भारत लाने के तीन तरीके हो सकते हैं. पहला तरीका ये है कि गोवा पुलिस खुद वहां जाकर उन्हें अपने साथ लेकर आए. दूसरा तरीका ये है कि सीबीआई की टीम उन्हें थाइलैंड से भारत लेकर आए या फिर थाइलैंड की एजेंसी उन्हें हाथ बांधकर फ्लाइट में एयर मार्शल के साथ बिठा दे और देश आने पर उन्हें भारतीय एजेंसियों को सौंप दे.

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