विज्ञापन
Story ProgressBack

सियासी किस्सा : जब कल्याण ने राजनाथ के CM बनने में अटका दिया था रोड़ा, PM वाजपेयी का नहीं उठाया था फोन

दो बार बीजेपी की सरकार बनाने और बचाने में अहम भूमिका निभाने वाले राजनाथ सिंह को मुख्यमंत्री बनाने की चर्चा पार्टी में तेजी से हो रही थी. यहां तक कि पीएम वाजपेयी भी राजनाथ सिंह को सीएम बनाना चाहते थे लेकिन तभी कल्याण सिंह ने पिछड़ी जाति का दांव चल दिया.

सियासी किस्सा : जब कल्याण ने राजनाथ के CM बनने में अटका दिया था रोड़ा, PM वाजपेयी का नहीं उठाया था फोन
PM वाजपेयी भी राजनाथ सिंह को CM बनाना चाहते थे लेकिन कल्याण सिंह ने पिछड़ी जाति का दांव चल दिया था.
नई दिल्ली:

ये बात साल 1999 की है, जब उत्तर भारत की फिजां में गुलाबी ठंड ने दस्तक दे रखी थी लेकिन उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की राजधानी लखनऊ में सियासी तापमान चढ़ा हुआ था. मायावती (Mayawati) से छह-छह महीने का एग्रीमेंट तनावपूर्ण स्थितियों में खत्म हो चुका था. और तब, बसपा विधायकों को ही तोड़कर दूसरी बार मुख्यमंत्री बने कल्याण सिंह (Kalyan Singh) की बीजेपी केंद्रीय नेतृत्व से अदावत इस कदर बढ़ चुकी थी कि पार्टी ने उन्हें हटाने का फैसला कर लिया था. केंद्र में तब अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार थी.

कहा जाता है कि मुख्यमंत्री पद से हटाए जाने की चर्चाओं के बीच जब नई दिल्ली स्थित प्रधानमंत्री आवास से लखनऊ में मुख्यमंत्री आवास पर आए फोन कॉल को कल्याण सिंह ने रिसीव करने से इनकार कर दिया, तब पीएम वाजपेयी की सहनशक्ति ने जवाब दे दिया और उनका उत्तराधिकारी चुनने के लिए पार्टी ने तुरंत बैठक बुलाई. हालांकि, कल्याण सिंह की तरफ से यह दावा किया गया था कि कुर्सी छोड़ने से पहले वो पीएम के फोन कॉल का इंतजार करते रहे लेकिन फोन कॉल आया ही नहीं.

उस वक्त उत्तर प्रदेश बीजेपी में मुख्यमंत्री पद के कई दावेदार थे. कल्याण सिंह की ही सरकार में मंत्री कलराज मिश्र, लालजी टंडन के अलावा विनय कटियार और यूपी बीजेपी अध्यक्ष राजनाथ सिंह भी सीएम पद की रेस में थे. इन सभी में 36 का आंकड़ा था. कलराज मिश्र और लालजी टंडन तो छह महीने से कल्याण सिंह के खिलाफ मोर्चा खोले हुए थे. दोनों ऊंची जाति से ताल्लुक रखते थे. 

bdn2uegg
पूर्व बीजेपी नेता और राजस्थान के मौजूदा राज्यपाल कलराज मिश्र.

मुलायम की मेहरबानी से राजा भैया ने पहली बार देखा था जुड़वां बेटों का मुंह, मायावती ने 10 महीने रखा था कैद

दो बार बीजेपी की सरकार बनाने और बचाने में अहम भूमिका निभाने वाले राजनाथ सिंह को मुख्यमंत्री बनाने की चर्चा पार्टी में तेजी से हो रही थी. यहां तक कि पीएम वाजपेयी भी राजनाथ सिंह को सीएम बनाना चाहते थे लेकिन तभी कल्याण सिंह ने पिछड़ी जाति का दांव चल दिया.  425 सदस्यों वाली उत्तर प्रदेश विधानसभा में तब बीजेपी के 174 विधायक थे. इनमें से करीब 150 विधायक तब कल्याण सिंह के पक्षधर थे.

बीजेपी इस बात से आशंकित थी कि पिछड़ा वर्ग का कार्ड खेलकर कल्याण सिंह विरोधी मुलायम सिंह यादव के साथ मिलकर सरकार बना सकते हैं. उस वक्त मुलायम सिंह के पास 110 विधायक थे. दोनों को मिलाकर बहुमत का आंकड़ा आसानी से पार कर रहा था.

ebvhjam8
PM मोदी से मिलते कल्याण सिंह (फाइल फोटो)

आनन फानन में 11 नवंबर, 1999 की देर रात प्रधानमंत्री आवास पर बीजेपी के शीर्ष नेताओं की एक बैठक हुई, जिसमें पीएम वाजपेयी, तत्कालीन बीजेपी अध्यक्ष कुशाभाऊ ठाकरे, केंद्रीय गृह मंत्री लालकृष्ण आडवाणी, केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री मुरली मनोहर जोशी शामिल हुए. इस बैठक में तय किया गया कि कल्याण सिंह का उत्तराधिकारी पार्टी का बहुत ही अनुशासित सिपाही होगा जो सभी समुदाय को स्वीकार्य होगा. पार्टी ने इस बैठक के जरिए लखनऊ में विधायकों को कड़ा संदेश भिजवाया कि जो कोई भी बगावत की कोशिश करेगा, पार्टी उससे सख्ती से निपटेगी.

मायावती से इतनी नाराज़ थी BJP, जिसे कहती थी 'रावण', उसी की बनवा दी थी सरकार

अगले ही दिन 76 साल के बुजुर्ग रामप्रकाश गुप्ता को कल्याण सिंह का उत्तराधिकारी बना दिया गया. गुप्ता बनिया समुदाय से थे, जो सभी जातियों के नेताओं को स्वीकार्य थे. रामप्रकाश गुप्ता राजनीति से करीब-करीब ओझल हो चुके थे. 1967 में चौधरी चरण सिंह की सरकार में वह कैबिनेट मंत्री और उप मुख्यमंत्री रह चुके थे लेकिन 1999 में वह राजनीति से रिटायर हो चुके थे, पार्टी के अंदर उनका न तो कोई गुट था और न ही वो किसी गुट में शामिल थे.

gp2mmjc
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और मौजूदा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह. (फाइल फोटो)

रामप्रकाश गुप्ता ने 12 नवंबर, 1999 को उत्तर प्रदेश के 19वें मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली. पार्टी में इस बात पर भी रार चला कि कल्याण सिंह के समर्थकों को मंत्री पद दिया जाय या नहीं. आडवाणी इसके पक्षधर थे, जबकि पार्टी के कई शीर्ष नेता विरोध में थे. आखिरकार आडवाणी ने गुप्ता के शपथ समारोह में शामिल होने से इनकार कर दिया. बाद में पीएम वाजपेयी के साथ आडवाणी की बैठक में तय हुआ कि कल्याण सिंह सरकार में शामिल सभी मंत्रियों की वापसी होगी. इस तरह गुप्ता मंत्रिमंडल में कल्याण समर्थकों और विरोधियों को मिलाकर कुल 90 से ज्यादा चेहरों को शामिल किया गया था, ताकि सभी को तुष्ट किया जा सके और पार्टी पर कल्याण सिंह का प्रभाव कम किया जा सके. 

अखिलेश को मुलायम ने SP से कर दिया था बाहर, 2 दिन बाद ही टीपू ने चाचा संग ऐसे किया था 'तख्तापलट'

स्थानीय निकाय चुनावों में हार और बढ़ती उम्र की वजह से आई राजनीतिक शिथिलता के बाद रामप्रकाश गुप्ता को सीएम पद से हटा दिया गया और करीब साल भर बाद 28 अक्टूबर 2000 को तत्कालीन केंद्रीय सड़क एवं भूतल परिवहन मंत्री राजनाथ सिंह को 49 साल की उम्र में राज्य का नया मुख्यमंत्री बना दिया गया. वो 8 मार्च 2002 तक यूपी के मुख्यमंत्री रहे.

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
डार्क मोड/लाइट मोड पर जाएं
Our Offerings: NDTV
  • मध्य प्रदेश
  • राजस्थान
  • इंडिया
  • मराठी
  • 24X7
Choose Your Destination
Previous Article
देश के इन राज्‍यों में जबरदस्‍त बारिश का अनुमान, जानिए आज कहां-कहां है रेड और ऑरेंज अलर्ट
सियासी किस्सा : जब कल्याण ने राजनाथ के CM बनने में अटका दिया था रोड़ा, PM वाजपेयी का नहीं उठाया था फोन
Budget 2024: चार्ट से समझें कैलकुलेशन - Standard Deduction बढ़ोतरी, Income Tax Slabs में बदलाव से किसे कितना फ़ायदा
Next Article
Budget 2024: चार्ट से समझें कैलकुलेशन - Standard Deduction बढ़ोतरी, Income Tax Slabs में बदलाव से किसे कितना फ़ायदा
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com
;