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This Article is From Mar 19, 2024

चुनाव से पहले क्रिमिनल रिकॉर्ड, स्कैम और अवैध संबंध ढूंढ रहे प्राइवेट जासूस, 'नेताजी' ले रहे सेवाएं

शर्मा ने कहा कि उम्मीदवार और नेता यह भी चाहते हैं कि उनके सहयोगियों और साथियों पर नजर रखी जाए, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि प्रतिद्वंद्वियों के साथ उनकी मिलीभगत के कारण उन्हें कोई बड़ा झटका न लगे.

चुनाव से पहले क्रिमिनल रिकॉर्ड, स्कैम और अवैध संबंध ढूंढ रहे प्राइवेट जासूस, 'नेताजी' ले रहे सेवाएं
राजनीतिक दलों और उम्‍मीदवार जासूसों की सेवाएं ले रहे हैं. (प्रतीकात्‍मक)
नई दिल्ली :

चुनावी सरगर्मी तेज होने के साथ ही शहर की जासूसी एजेंसियों (Spy Agencies) का कारोबार तेजी से बढ़ रहा है, क्योंकि राजनीतिक नेता, खासकर उम्मीदवारी की आकांक्षा रखने वाले लोग अपने प्रतिद्वंद्वियों और यहां तक ​​कि साथियों की जासूसी कराने के लिए किराये पर निजी जासूसों की सेवाएं ले रहे हैं. संबंधित उद्योग से जुड़े विशेषज्ञों का कहना है कि दलबदल और खेमा बदलने के बीच, राजनीतिक दलों (Political Parties) द्वारा जासूसों को उन लोगों पर नजर रखने का काम सौंपा जा रहा है, जो प्रतिद्वंद्वियों को महत्वपूर्ण जानकारी दे सकते हैं या आने वाले दिनों में पाला बदल सकते हैं. 

दिल्ली स्थित जीडीएक्स डिटेक्टिव्स प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक महेश चंद्र शर्मा ने ‘पीटीआई-भाषा' को बताया कि चुनावी मौसम के दौरान राजनीतिक जासूसी एक स्थापित कार्य बन गई है. 

शर्मा ने कहा, 'किसी के चुनाव अभियान को प्रभावित करने की क्षमता रखने वाले छिपे हुए आपराधिक रिकॉर्ड, घोटालों, अवैध संबंधों और इससे संबंधित वीडियो या भ्रष्टाचार के मामलों से संबंधित रणनीतियों और सूचनाओं को जानने के लिए जासूसों को नियुक्त करना हमेशा एक प्रमुख रणनीति रहा है.'

उन्होंने कहा, 'लेकिन इस बार, उम्मीदवार और नेता यह भी चाहते हैं कि उनके सहयोगियों और साथियों पर नजर रखी जाए, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि प्रतिद्वंद्वियों के साथ उनकी मिलीभगत के कारण उन्हें कोई बड़ा झटका न लगे.'

प्रतिद्वंद्वियों के बारे में गलत ढूंढ निकालने का जिम्‍मा 

शर्मा ने कहा कि इसके अलावा, जिन लोगों को उम्मीदवार चयन प्रक्रिया में नजरअंदाज कर दिया गया था, वे ऐसी सामग्री ढूंढ़ने के लिए जासूसों से संपर्क कर रहे हैं जो उनके स्थान पर चुने गए लोगों के अभियान को जोखिम में डाल सकती है.

उन्होंने कहा, ‘‘जिन्हें अभी तक टिकट नहीं मिला है, वे अपनी उम्मीदवारी का दावा मजबूत करने के लिए अपने प्रतिद्वंद्वियों के बारे में कोई गलत चीज ढूंढ़ निकालने के लिए हमसे संपर्क कर रहे हैं.''

सिटी इंटेलिजेंस प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक राजीव कुमार ने कहा कि राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों द्वारा जासूसों की सेवा लेने का काम चुनाव की तारीखों की घोषणा से कई महीने पहले शुरू हो जाता है और इसमें आरटीआई आवेदन दाखिल करना भी शामिल है.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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