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लोकतंत्र का पर्व! सिर्फ एक वोटर के मतदान के लिए गिर के जंगल में पहुंची 10 लोगों की टीम

लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण में गुजरात के ऊना जिला मुख्यालय से 70 किलोमीटर दूर गिर के जंगल में मात्र एक शख्स के मतदान के लिए चुनाव आयोग की तरफ से बूथ बनाया गया था.

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लोकतंत्र का पर्व! सिर्फ एक वोटर के मतदान के लिए गिर के जंगल में पहुंची 10 लोगों की टीम
नई दिल्ली:

देश में लोकसभा चुनाव (Lok sabha election 2024) को लेकर मंगलवार को तीसरे चरण का मतदान संपन्न हो गया. इस चरण में 12 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश की 93 सीटों पर वोट डाले गए. गुजरात की 26 में से 25 सीटों पर वोट डाले गए एक सीट पर निर्विरोध फैसला हो जाने के कारण वहां मतदान की जरूरत नहीं हुई. कोई वोटर मतदान से वंचित न रह जाए इसे लेकर चुनाव आयोग की तरफ से कई कवायद किए गए हैं. गुजरात के गिर जंगल के बेहद सुदूर क्षेत्र में एक मतदान केंद्र को मात्र एक वोटर के लिए स्थापित किया गया था. जहां महंत हरिदास नाम के एक पुजारी ने मतदान किया. यह मतदान केंद्र ऊना जिले के बानेज में बनाया गया था. 

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एक-एक वोट महत्वपूर्ण है इसे देखते हुए एक मतदाता से मतदान करवाने के लिए 10 लोगों की टीम यहां पहुंची थी. बताते चलें कि इस चुनाव में 968 मिलियन से अधिक लोग मतदान कर सकते हैं. नियमों के अनुसार प्रत्येक मतदाता मतदान केंद्र से दो किलोमीटर (1.2 मील) से अधिक दूर न हो इसकी व्यवस्था होनी चाहिए. 

इस मतदान केंद्र तक पहुंचने के लिए मतदान कर्मियों को 2 दिनों की यात्रा करनी पड़ी. जंगल की कच्ची सड़कों पर उन्हें बस से जाना पड़ा. भगवा वस्त्र पहने और चेहरे पर चंदन लगाए मतदाता फर्स्ट हाफ में ही वोट देने पहुंचे हालांकि नियमों के अनुसार बूथ को शाम तक चालू रखा जाएगा. हालांकि उस जगह पर कोई अन्य वोटर वोट देने नहीं आएंगे. 

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बानेज से 65 किलोमीटर दूर ऊना शहर के पीठासीन अधिकारी पाधियार सुरसिंह ने कहा कि "लोकतंत्र में, हर एक व्यक्ति महत्वपूर्ण है," उन्होंने एएफपी को बताया, "यह सुनिश्चित करना हमारा कर्तव्य है कि किसी को भी वोट देने के अधिकार से वंचित न किया जाए, भले ही इसके लिए हमें कितना भी प्रयास करना पड़े. 

सूरसिंह और उनकी टीम रात भर उस सुदूर क्षेत्र में रहे और दाल रोटी खाकर समय गुजारा.  सुरसिंह ने कहा, "हमें एक दिन पहले ही सब कुछ तैयार करना पड़ा ताकि बूथ को चुनावी नियमों के अनुसार सुबह 07:00 बजे खोला जा सके. बताते चलें कि चुनाव आयोग हर पांच साल में यह सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास करता है कि एक भी योग्य मतदाता छूट न जाए. गौरतलब है कि चुनाव आयोग की टीम  कड़ाके की ठंड का सामना करते हुए एक जून को हिमाचल प्रदेश के ताशीगांग में समुद्र तल से 15,256 फीट (4,650 मीटर) की ऊंचाई पर मतदान संपन्न करवाने पहुंचेंगे. 

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