नई दिल्ली:
पिछले लगभग ढाई महीने से चेन्नई के अपोलो अस्पताल में उपचाराधीन तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता का सोमवार रात देहांत हो गया. वह एक बेहद लोकप्रिय मुख्यमंत्री थीं, जिन्होंने लोगों का दिल जीतकर उन पर शासन किया. कुछ साल पहले पूर्व फिल्म अभिनेत्री सिमी ग्रेवाल को दिए एक इंटरव्यू में जयललिता ने अपने जीवन के विभिन्न पहलुओं पर खुलकर बात की थी, सो आइए, उस इंटरव्यू में की गई कुछ दिलचस्प बातों पर नज़र डालते हैं...
जब जयललिता सिर्फ दो साल की थीं, उनके पिताजी का देहांत हो गया था, और उन्हें बचपन में ही जयललिता की मां को फिल्म इंडस्ट्री में करियर बनाने के लिए चेन्नई जाना पड़ा, और तब जयललिता अपने नाना के पास बेंगलुरू में रहती थीं.
जयललिता को अपनी मां से सबसे ज़्यादा प्यार था. उन्होंने इस इंटरव्यू के दौरान बताया था कि जब उनकी मां उनसे मिलने चेन्नई से बेंगलुरू आती थीं, तब जयललिता उन्हें लौटने नहीं देती थीं. उनकी मां लौटकर जा न सकें, इसलिए वह अपनी मां की साड़ी का पल्लू अपने हाथ में बांधकर सोया करती थीं. लेकिन जब इस सबके बावजूद उनकी मां चेन्नई चली जाती थीं, वह तीन-तीन दिन तक रोती रहती थीं.
जब जयललिता 10 साल की थीं, वह अपनी मां के साथ रहने के लिए चेन्नई आ गईं, लेकिन उनकी मां फिर भी उन्हें ज़्यादा समय नहीं दे पा रही थीं. वह सुबह जयललिता के उठने से पहले शूटिंग के लिए चली जाती थीं और जब तक वह लौट पाती थीं, जयललिता सो चुकी होती थीं. एक बार स्कूल में जीते पुरस्कार को अपनी मां को दिखाने की इच्छा के चलते जयललिता को काफी देर रात तक इंतज़ार करना पड़ा था.
जयललिता अच्छी छात्रा थीं, और स्कूल में हमेशा अव्वल आती थीं. जब उन्होंने स्कूल छोड़ा, उन्हें 'बेस्ट आउटगोइंग छात्र' का अवार्ड भी मिला था.
जब जयललिता 16 साल की थीं, उनकी मां ने उन्हें एक्टिंग करने की सलाह दी, लेकिन जयललिता उस उम्र में फिल्मों में करियर नहीं बनाना चाहती थीं. इसके बाद मां ने उन्हें परिवार के हालात के बारे में समझाया, तो जयललिता को पता चला कि परिवार की हालत ठीक नहीं है. मां के संघर्ष को देखते हुए जयललिता ने फिल्मों में एक्टिंग करने की उनकी सलाह मान ली. जयललिता ने यह बात कई बार कही है कि फिल्मों में करियर बनाना उन्हें पसंद नहीं था, लेकिन फिर भी उस समय वह फिल्में साइन करती चली गईं. उन्होंने 125 से भी ज़्यादा फिल्मों में काम किया है.
नरी कॉन्ट्रेक्टर जयललिता के सबसे प्रिय क्रिकेटर रहे हैं. जयललिता जब स्कूल में थीं, तब कॉन्ट्रेक्टर को देखने के लिए वह टेस्ट मैच देखने जाती थीं. शम्मी कपूर जयललिता के सबसे प्रिय एक्टर रहे हैं, और उनकी फिल्म 'जंगली' जयललिता की पसंदीदा फिल्म थी. अगर फिल्मी गानों की बात की जाए, तो जयललिता को 'ऐ मालिक तेरे बंदे हम...' और 'आजा सनम मधुर चांदनी में हम...' जयललिता के सबसे ज़्यादा पसंदीदा गीत रहे हैं.
जब जयललिता 23 साल की थीं, उनकी मां का भी देहांत हो गया. उसके बाद जयललिता का ज़िन्दगी अस्त-व्यस्त हो गई, क्योंकि जयललिता को घर के बारे में कुछ भी नहीं पता था. उन्हें यह तक पता नहीं था कि घर में कितने नौकर-चाकर हैं, उन्हें कितना वेतन दिया जाता है. जयललिता उस समय तक यह भी नहीं जानती थीं कि बैंक एकाउंट कैसे ऑपरेट किया जाता है, इन्कम टैक्स क्या होता है, या प्रोड्यूसर एक फिल्म के लिए कितने पैसे देते हैं. उनके नासमझ होने की वजह से लोगों ने जयललिता का फायदा उठाया.
इस इंटरव्यू में जयललिता ने यह भी बताया था कि चेन्नई सेंट्रल में एक महीना रहना उनकी ज़िन्दगी का सबसे कठिन समय था. शादी को लेकर जयललिता का नज़रिया कुछ अलग था. वह आज़ाद ज़िन्दगी जीना चाहती थीं. वह नहीं चाहती थीं कि उन्हें कोई और नियंत्रित करे. वह अपनी मर्ज़ी से ज़िन्दगी जीना चाहती थीं.
जब जयललिता सिर्फ दो साल की थीं, उनके पिताजी का देहांत हो गया था, और उन्हें बचपन में ही जयललिता की मां को फिल्म इंडस्ट्री में करियर बनाने के लिए चेन्नई जाना पड़ा, और तब जयललिता अपने नाना के पास बेंगलुरू में रहती थीं.
जयललिता को अपनी मां से सबसे ज़्यादा प्यार था. उन्होंने इस इंटरव्यू के दौरान बताया था कि जब उनकी मां उनसे मिलने चेन्नई से बेंगलुरू आती थीं, तब जयललिता उन्हें लौटने नहीं देती थीं. उनकी मां लौटकर जा न सकें, इसलिए वह अपनी मां की साड़ी का पल्लू अपने हाथ में बांधकर सोया करती थीं. लेकिन जब इस सबके बावजूद उनकी मां चेन्नई चली जाती थीं, वह तीन-तीन दिन तक रोती रहती थीं.
जब जयललिता 10 साल की थीं, वह अपनी मां के साथ रहने के लिए चेन्नई आ गईं, लेकिन उनकी मां फिर भी उन्हें ज़्यादा समय नहीं दे पा रही थीं. वह सुबह जयललिता के उठने से पहले शूटिंग के लिए चली जाती थीं और जब तक वह लौट पाती थीं, जयललिता सो चुकी होती थीं. एक बार स्कूल में जीते पुरस्कार को अपनी मां को दिखाने की इच्छा के चलते जयललिता को काफी देर रात तक इंतज़ार करना पड़ा था.
जयललिता अच्छी छात्रा थीं, और स्कूल में हमेशा अव्वल आती थीं. जब उन्होंने स्कूल छोड़ा, उन्हें 'बेस्ट आउटगोइंग छात्र' का अवार्ड भी मिला था.
जब जयललिता 16 साल की थीं, उनकी मां ने उन्हें एक्टिंग करने की सलाह दी, लेकिन जयललिता उस उम्र में फिल्मों में करियर नहीं बनाना चाहती थीं. इसके बाद मां ने उन्हें परिवार के हालात के बारे में समझाया, तो जयललिता को पता चला कि परिवार की हालत ठीक नहीं है. मां के संघर्ष को देखते हुए जयललिता ने फिल्मों में एक्टिंग करने की उनकी सलाह मान ली. जयललिता ने यह बात कई बार कही है कि फिल्मों में करियर बनाना उन्हें पसंद नहीं था, लेकिन फिर भी उस समय वह फिल्में साइन करती चली गईं. उन्होंने 125 से भी ज़्यादा फिल्मों में काम किया है.
नरी कॉन्ट्रेक्टर जयललिता के सबसे प्रिय क्रिकेटर रहे हैं. जयललिता जब स्कूल में थीं, तब कॉन्ट्रेक्टर को देखने के लिए वह टेस्ट मैच देखने जाती थीं. शम्मी कपूर जयललिता के सबसे प्रिय एक्टर रहे हैं, और उनकी फिल्म 'जंगली' जयललिता की पसंदीदा फिल्म थी. अगर फिल्मी गानों की बात की जाए, तो जयललिता को 'ऐ मालिक तेरे बंदे हम...' और 'आजा सनम मधुर चांदनी में हम...' जयललिता के सबसे ज़्यादा पसंदीदा गीत रहे हैं.
जब जयललिता 23 साल की थीं, उनकी मां का भी देहांत हो गया. उसके बाद जयललिता का ज़िन्दगी अस्त-व्यस्त हो गई, क्योंकि जयललिता को घर के बारे में कुछ भी नहीं पता था. उन्हें यह तक पता नहीं था कि घर में कितने नौकर-चाकर हैं, उन्हें कितना वेतन दिया जाता है. जयललिता उस समय तक यह भी नहीं जानती थीं कि बैंक एकाउंट कैसे ऑपरेट किया जाता है, इन्कम टैक्स क्या होता है, या प्रोड्यूसर एक फिल्म के लिए कितने पैसे देते हैं. उनके नासमझ होने की वजह से लोगों ने जयललिता का फायदा उठाया.
इस इंटरव्यू में जयललिता ने यह भी बताया था कि चेन्नई सेंट्रल में एक महीना रहना उनकी ज़िन्दगी का सबसे कठिन समय था. शादी को लेकर जयललिता का नज़रिया कुछ अलग था. वह आज़ाद ज़िन्दगी जीना चाहती थीं. वह नहीं चाहती थीं कि उन्हें कोई और नियंत्रित करे. वह अपनी मर्ज़ी से ज़िन्दगी जीना चाहती थीं.
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