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लेह का पारा इतना गर्म! फिर कैंसिल हो गईं 4 फ्लाइट्स, जानिए ये हो क्या रहा है

इस बात हर कोई हैरान है कि 11 हजार फीट की ऊंचाई, जहां टेंपरेचर माइनस में 20 डिग्री तक पहुंच जाता है, वहां पर गर्मी की वजह से फ्लाइट्स कैंसिल (Leh Flights Cancel) करनी पड़ रही हैं. यह हालात डारा देने वाले हैं.

लेह का पारा इतना गर्म! फिर कैंसिल हो गईं 4 फ्लाइट्स, जानिए ये हो क्या रहा है
गर्मी से लेह में आज भी कैंसिल हुईं फ्लाइट्स
दिल्ली:

लेह का तापमान इन दिनों डरा रहा है. ठंडे लेह में पिछले काफी दिनों से पारा इतना गर्म है कि फ्लाइट्स तक कैंसिल (Leh Flights Cancel)  करनी पड़ रही हैं. इससे यात्रियों को काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है. तेज गर्मी के बीच लेग एयरपोर्ट पर आज एर बार फिर से उड़ानें रद्द कर दी गई हैं. इंडिगो और स्पाइसजेट ने चार फ्लाइट्स को आज भी कैंसिल कर दिया है. लेह में 27 जुलाई के बाद से तापमान इस कदर बढ़ रहा है कि अब तक करीब 16 फ्लाइट्स कैंसिल करनी पड़ी हैं. 

कितने तापमान पर कैंसिल होती हैं फ्लाइट्स

 लेह एयरपोर्ट पर पारा 32 डिग्री सेल्सियस से ऊपर जाने के बाद फ्लाइट्स कैंसिल कर दी जाती हैं.  एयरबस के एक वरिष्ठ पायलट ने कहा कि अगर तापमान उस स्तर को पार कर जाता है, तो विमान को उस ऊंचाई पर संचालित नहीं किया जा सकता. समुद्र तल से करीब 10,700 फुट की ऊंचाई पर होने के बाद भी लेह इन दिनों भीषण गर्मी की मार झेल रहा है, जो कि हैरान कर देने वाला है. स्पाइसजेट के एक अधिकारी के मुताबिक, लेह हवाई अड्डे पर बोइंग 737 विमानों के लिए परिचालन के लिए अधिकतम तापमान 32 डिग्री सेल्सियस होना चाहिए. हाल के हफ्तों में, लेह क्षेत्र में तापमान ज्यादातर 36 डिग्री सेल्सियस से करीब पहुंच रहा है, जिसकी वजह से लगातार उड़ानें रद्द करनी पड़ी हैं.

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लेह में क्यों कैंसिल हो रही फ्लाइट्स?

  • लेह जुलाई महीन में भी भीषण गर्मी से जूझ रहा.
  • भीषण सर्दी वाले लेह में दिल्ली से कहीं ज्यादा गर्मी.
  • पायलट को प्लेन चलाते के लिए मौसम और टेंपरेचर, हवा का दबाव जैसे फैक्टर का खास ध्यान रखना होता है.
  • कुछ भी ज्यादा होने पर या तो फ्लइट्स टेकऑफ में देरी होती है या फिर रद्द करना पड़ता है.
  • पायलट ग्रैविटी फोर्स से लड़कर विमान को हवा में ऊपर ले जाते हैं.
  • विमान को ऊपर ले जाने के लिए हवा की मदद लेनी होती है. 
  • पायलट को विमान के वजन के हिसाब से ही होती है एयर प्रेशर की जरूरत.
  • तापमान गर्म होने की वजह से एयरक्राफ्ट को थ्रस्ट मिल नहीं पाता.
  • गर्म हवा जितनी ज्यादा, फैलती भी ज्यादा है. इस दौरान इंजन को जरूरी थ्रस्ट मिल नहीं पाता. 


ठंडे लेह में गर्मी, आखिर हो क्या रहा है?

इस बात हर कोई हैरान है कि 11 हजार फीट की ऊंचाई, जहां टेंपरेचर माइनस में 20 डिग्री तक पहुंच जाता है, वहां पर गर्मी की वजह से फ्लाइट्स कैंसिल करनी पड़ रही हैं. यह हालात डारा देने वाले हैं. इसकी वजह जलवायु परिवर्तन है, इसके परिणाम और भी घातक हो सकते हैं, जो कि हमें  ही नहीं हमारी आने वाली पीढ़ी को भी झेलने पड़ सकते हैं.

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लेह एयरपोर्ट पर हर दिन कितने विमानों की आवाजाही?

लेह एयरपोर्ट पर हर दिन 15-16 फ्लाइट्स की आवाजाही होती है. लेकिन इन दिनों ठंडे लेह में तापमान डरा रहा है. शनिवार को तापमान में इतनी बढ़ोतरी दर्ज की गई कि फ्लाइट्स कैंसिल करनी पड़ी. रविवार को तो ये समस्या और भी विकराल हो गई. अब तक यह जारी है. ग्लोबल वॉर्मिंग का प्रभाव कितना बढ़ता जा रहा है, ये इसका बड़ा उदाहरण है. 

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