लक्ष्मीकांत पार्सेकर ने गोवा के नए मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ले ली। राजभवन में आयोजित समारोह में राज्यपाल मृदुला सिन्हा ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। पार्सेकर के अलावा नौ मंत्रियों ने भी शपथ ली।
पिछली मनोहर पर्रिकर सरकार में मंत्री रहे फ्रांसिस डिसूजा, दयानंद मांडरेकर, रमेश तावड़कर, महादेव नाइक, दिलीप पारूलेकर, मिलिंद नाइक, एलिना सलदान्हा (सभी भाजपा के) और रामकृष्ण उर्फ सुदिन धवलीकर और दीपक धवलीकर (दोनों एमजीपी के) को पार्सेकर की नई मंत्रिपरिषद में भी बरकरार रखा गया है।
गोवा के बीजेपी विधायकों की बैठक में पार्सेकर को विधायक दल का नया नेता चुना गया था। चुनाव के लिए पार्टी के प्रेक्षक और पार्टी महासचिव राजीव प्रताप रूडी ने कहा कि पार्सेकर को सर्वसम्मति से बीजेपी विधायक दल का नेता चुना गया।
पार्सेकर के नाम का प्रस्ताव मनोहर पर्रिकर ने रखा, जिसका फ्रांसिस डिसूजा ने अनुमोदन किया। हालांकि डिसूजा ने वरिष्ठता के आधार पर मुख्यमंत्री पद पर अपना दावा पेश किया था। डिसूजा पर्रिकर सरकार में सबसे वरिष्ठ मंत्री और भाजपा के कैथोलिक चेहरा हैं। बाद में पार्टी नेतृत्व द्वारा समझाए जाने पर डिसूजा ने मुख्यमंत्री पद के लिए पार्सेकर के नाम का समर्थन किया।
डिसूजा ने कहा था कि अगर उन्हें मुख्यमंत्री नहीं बनाया गया तो वह नई सरकार में शामिल नहीं होंगे। बहरहाल, वह आज शाम शपथ लेने वाले मंत्रियों में शामिल थे। मुख्यमंत्री पद की दावेदारी के बाबत किए गए एक सवाल के जवाब में डिसूजा ने कहा, 'मेरे पास संख्याबल नहीं है।'
इससे पहले, दिल्ली में बीजेपी संसदीय बोर्ड की बैठक में पार्सेकर के नाम पर मुहर लग गई। मनोहर पर्रिकर सरकार में पार्सेकर स्वास्थ्य मंत्री थे।
इससे पूर्व, मनोहर पर्रिकर ने मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया और राज्य में अपना उत्तराधिकारी चुनने का मार्ग प्रशस्त कर दिया। पर्रिकर को केंद्र में रक्षा मंत्री का दायित्व सौंपे जाने के संकेत हैं। पर्रिकर ने दोपहर को राजभवन में प्रदेश की राज्यपाल मृदुला सिन्हा को अपना इस्तीफा फैक्स कर दिया। (एंजेसी इनपुट के साथ)
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