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This Article is From Jun 26, 2017

सरकारी नियम बना जी का जंजाल, 'हाथों की लकीरों' ने छीनी नौकरी

हाथों पर लकीरें नहीं होने से ललित कुमार की नौकरी चली गई. क्योंकि हाथों में लकीरें नहीं होने से ललित का आधार कार्ड नहीं बन पाने के चलते उसे नौकरी से हटा दिया गया.

सरकारी नियम बना जी का जंजाल, 'हाथों की लकीरों' ने छीनी नौकरी
पामोप्लांटर केरेटोड्रमा बीमारी के चलते ललित के हाथों पर लकीरें नहीं हैं
Quick Take
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
गृह मंत्रालय में अनुबंध पर डाटा एंट्री ऑपरेटर थे ललित
पामोप्लांटर केरेटोड्रमा बीमारी से हाथों में नहीं बनी रेखा
आधार कार्ड नहीं बनने पर ललित को हटाया नौकरी से
नई दिल्ली: सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट 'आधार' एक आदमी के लिए नौकरी छूटने का सबब बन गया. क्योंकि उसके हाथ में रेखाएं ही नहीं हैं जिससे आधार कार्ड बन पाए.

ललित कुमार का आधार कार्ड बन नहीं रहा है क्योंकि, बीमारी के चलते इनके हाथ में रेखाएं ही नहीं हैं. लिहाजा नौकरी चली गई. गृह मंत्रालय में 6 महीने तक अनुबंध पर डाटा एंट्री ऑपरेटर का काम करने वाले ललित का आरोप है कि आधार कार्ड नहीं होने के कारण उन्हें नौकरी निकाल दिया गया.

ललित बताते हैं कि नवंबर तक का ही नौकरी का पैसा मिला. नवंबर में ही कह दिया गया था कि आधार अपडेट कराओ. ललित ने जनवरी तक मंत्रालय में नौकरी की. इस दौरान उन्होंने कई बार आधार कार्ड बनवाने की कोशिश की लेकिन उनकी उंगलियों के निशान नहीं होने के कारण आधार कार्ड नहीं बना और नौकरी चली गई.
 
palmoplantar keratoderma

मंगोलपुरी के ललित को बचपन से पामोप्लांटर केरेटोड्रमा की बीमारी है जिसमें हाथों में रेखाएं ही नहीं होतीं. दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल ने इसकी पुष्टि भी की है. इस मामले में ललित ने प्रधानमंत्री कार्यालय से गुहार भी लगाई है. ललित कहते हैं कि ये तो बीमारी है और वह भी कुदरती. इसमें वह क्या कर सकते हैं. लेकिन यह सच है कि आधार नहीं होने से ललित की रोजीरोटी छिन गई है. 

 

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