पश्चिम बंगाल में गंभीर रूप से जलने से मौत का शिकार हुई सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता के परिजनों ने बुधवार को कहा कि उनकी बच्ची ने आत्मदाह नहीं किया बल्कि हमलावरों ने उसे जलाया।
नाबालिग पीड़िता द्वारा पुलिस में छह लोगों के खिलाफ सामूहिक दुष्कर्म का मामला दर्ज करवाए जाने के बाद पीड़िता को दोबारा उसी बर्बरता का शिकार होना पड़ा था।
पीड़िता और उसके परिवार वालों को लगातार धमकियां दी जा रही थीं, तथा ताने मारे जा रहे थे। लगातार किए जा रहे अपमान को न सह पाने के कारण पीड़िता ने कथित तौर पर आत्मदाह कर लिया, जिसके बाद 23 दिसंबर को उसे बुरी तरह जली हुई अवस्था में अस्पताल में भर्ती करवाया गया था।
पीड़िता के परिजनों ने हालांकि दावा किया है कि पीड़िता ने आत्मदाह नहीं किया, बल्कि उसे दूसरे लोगों ने आग के हवाले किया।
पीड़िता की मां ने मंगलवार को पीड़िता की मौत हो जाने के बाद पुलिस में दिए बयान में इस बात का उल्लेख किया था।
पीड़िता की मां ने बताया, "मेरी बेटी ने पुलिस को बताया था कि उसे जलाया गया था। उन्होंने उसे तेल में डुबो दिया फिर माचिस से आग लगा दी। उन्होंने घर का दरवाजा बाहर से बंद कर दिया और चले गए।" घटना के वक्त पीड़िता की मां बाजार गई हुई थीं।
पीड़िता के पिता ने भी कहा कि उनकी बेटी ने पुलिस को बताया था कि उसे प्रताड़ित करने वाले लोगों ने ही उसे जलाया था।
पीड़िता के पिता ने कहा, "जब मेरी पत्नी घर लौटी तो घर का दरवाजा बाहर से बंद था। मेरी पत्नी ने शोर मचाकर पड़ोसियों को बुलाया, जो बाद में मेरी बेटी को अस्पताल लेकर गए। हो सकता है कि मेरी बेटी को प्रताड़ित करने वाले और ताना मारने वाले लोगों ने ही जलाया हो।"
पीड़िता के साथ दुष्कर्म करने और बाद में पीड़िता की मौत के आरोप में छह लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है, लेकिन आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद मिल रही धमकियों के कारण पीड़िता के परिवार को दूसरी जगह जाना पड़ा।
इस बीच बुधवार को पीड़िता के पिता ने राज्यपाल एमके नारायणन से मुलाकात की और दुष्कर्मियों को मौत की सजा दिलाने और अपने परिवार के लिए सुरक्षा की मांग की।
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