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This Article is From May 02, 2018

कौन हैं पत्रकार जे डे,क्यों हुई थी हत्या, जानिये घटना से जुड़े 5 अहम तथ्य

पत्रकार जे. डे. (ज्योतिर्मय डे) हत्याकांड में विशेष मकोका कोर्ट ने छोटा राजन को दोषी करार दिया है. तो वहीं, इस मामले में पत्रकार जिग्‍ना वोरा और पॉलसन जोसेफ को बरी कर दिया. 

कौन हैं पत्रकार जे डे,क्यों हुई थी हत्या, जानिये घटना से जुड़े 5 अहम तथ्य
जे.डे. (फाइल फोटो)
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Summary is AI generated, newsroom reviewed.
मिड-डे अखबार में वरिष्ठ अपराध संवाददाता थे जे.डे.
खोजी पत्रकारिता के लिए थे चर्चित
दिन-दहाड़े कर दी गई थी हत्या
नई दिल्ली: पत्रकार जे. डे. (ज्योतिर्मय डे) हत्याकांड में विशेष मकोका कोर्ट ने छोटा राजन को दोषी करार दिया है. तो वहीं, इस मामले में पत्रकार जिग्‍ना वोरा और पॉलसन जोसेफ को बरी कर दिया. जे. डे. टैबलॉयड न्यूजपेपर 'मिड-डे' में वरिष्ठ अपराध संवाददाता थे. वह अपनी खोजी पत्रकारिता के लिए चर्चित थे. खासकर अंडरवर्ल्ड से जुड़ी उनकी तमाम खबरें चर्चा का विषय बनी थीं और उन्होंने तमाम खुलासे किए थे. 11 जून 2011 को मुंबई के पवई इलाके में दिन दहाड़े जे. डे. की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. आइये जानते हैं इस मामले से जुड़े 5 अहम घटनाक्रम.  

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1- छोटा राजन के खिलाफ लिखना पड़ा भारी : 
जे. डे. हत्याकांड की सुनवाई करीब 7 वर्षों तक चली. सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष ने कहा था कि, जे. डे. लगातार छोटा राजन के खिलाफ लिख रहे थे और उसके काले कारनामों को उजागर रहे थे. इस बात को लेकर छोटा राजन ने जे. डे. की हत्या करवा दी. अभियोजन पक्ष का यह भी कहना था कि, जे. डे. मोस्ट वॉन्टेड अंडरवर्ल्ड डॉन दाउद इब्राहिम की प्रशंसा करते थे, जो छोटा राजन को खराब लगत लगता था. हत्याकांड में तेल माफियाओं का नाम भी सामने आया था. 

2- पहले धमकी, फिर अपराध कबूला : 
जे. डे. हत्याकांड में छोटा राजन का नाम आने के बाद उसके उपर कई न्यूज चैनलों को फोन कर धमकाने का भी आरोप लगा. पहले वह कह रहा था कि, वह जे. डे. को सिर्फ धमकाना चाहता था, न कि उसकी हत्या करवाना चाह रहा था. बाद में उसने अपने गुनाह कबूले थे.  

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3- जिग्नेश वोरा पर लगे थे मुखबीरी के आरोप : 
मामले की जांच के दौरान उस समय टर्निंग प्वाइंट आ गया जब पुलिस ने दावा कि, जे. डे. हत्याकांड में पत्रकार जिग्नेश वोरा का भी हाथ है. उन्होंने मुखबीरी की थी. उनके उपर शूटरों को जे. डे. की लोकेशन, गाड़ी का नंबर समेत अन्य जानकारी उपलब्ध कराने के आरोप लगे थे. 

4- अंडरवर्ल्ड की स्याह दुनिया पर किताब लिखना पड़ा भारी : 
मामले की जांच के दौरान एक और अहम घटना सामने आई. सीबीआई ने दावा किया था कि, जे. डे. अंडरवर्ल्ड की स्याह दुनिया पर एक किताब लिख रहे थे. जिसमें राजन को 'चिंदी' जैसा बताने और दाउद इब्राहिम को मुंबई का असली डॉन लिखने की चर्चा थी. इससे छोटा राजन बौखला गया था. 

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5- 155 गवाहों के बूते मिली सजा : 
जे. डे. हत्याकांड में करीब 7 वर्षों की सुनवाई के बाद अंतत: छोटा राजन को दोषी करार दे दिया गया है. ट्रायल के दौरान सरकारी वकील ने कुल 155 गवाह पेश किए थे. तो दूसरी तरफ अभियोजन पक्ष की तरफ से भी तमाम साक्ष्य पेश किए. जिसकी बदौलत मामला परिणति तक पहुंचा. 

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