विदेश मंत्री सुषमा स्वराज (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के गुर्दे का प्रतिरोपण इस सप्ताहांत अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में होने की संभावना है, हालांकि गुर्दे का दान करने वाला व्यक्ति जीवित है और उसका सुषमा से कोई रिश्ता नहीं है.
एम्स के सूत्रों ने कहा, ‘‘यह जीवित गैर-संबंधी दाता कोई भी ऐसा व्यक्ति हो सकता था जो विदेश मंत्री से भावनात्मक रूप से जुड़ा है, जैसे मित्र, संबंधी, पड़ोसी या फिर करीबी रिश्तेदार. निकट परिवार में कोई उचित दाता नहीं मिला, ऐसे में प्रतिरोपण का काम गैर-संबंधी दाता के गुर्दे से किया जाएगा.’’ उन्होंने कहा, ‘‘अब तक के कार्यक्रम के अनुसार प्रतिरोपण इस सप्ताहांत किया जाना तय है। प्राधिकार समिति से मंजूरी मिल गई है।’’ सूत्रों ने यह भी कहा कि सुषमा के गुर्दे के प्रतिरोपण से पहले की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है।
उन्होंने कहा, ‘‘दाता और ग्राही को लेकर प्रतिरोपण से पहले की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। दोनों की कई जांच की गई है। गैरसंबंधी दाता की स्थिति में एचएलए के मिलान संबंधी जांच जरूरी नहीं है। हमने मिलान संबंधी जांच और रक्त की कई जांच की है तथा दोनों को इस प्रक्रिया के लिए फिट पाया गया है।’’ एम्स की ओर से बनाई गई विशेषज्ञों की एक टीम गुर्दे का प्रतिरोपण करेगी।
चिकित्सकों के अनुसार सुषमा लंबे समय से मधुमेह से पीड़ित हैं। गुर्दे के काम करना बंद करने के बाद उनको डायलिसिस पर रखा गया है।
एक वरिष्ठ चिकित्सक ने कहा, ‘‘उनकी एक सप्ताह में तीन बार डायलिसिस की गई है।’’ बीते 16 नवंबर को सुषमा ने ट्वीट करके जानकारी दी थी कि वह गुर्दे के काम करना बंद होने की वजह से एम्स में भर्ती हैं।
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
एम्स के सूत्रों ने कहा, ‘‘यह जीवित गैर-संबंधी दाता कोई भी ऐसा व्यक्ति हो सकता था जो विदेश मंत्री से भावनात्मक रूप से जुड़ा है, जैसे मित्र, संबंधी, पड़ोसी या फिर करीबी रिश्तेदार. निकट परिवार में कोई उचित दाता नहीं मिला, ऐसे में प्रतिरोपण का काम गैर-संबंधी दाता के गुर्दे से किया जाएगा.’’ उन्होंने कहा, ‘‘अब तक के कार्यक्रम के अनुसार प्रतिरोपण इस सप्ताहांत किया जाना तय है। प्राधिकार समिति से मंजूरी मिल गई है।’’ सूत्रों ने यह भी कहा कि सुषमा के गुर्दे के प्रतिरोपण से पहले की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है।
उन्होंने कहा, ‘‘दाता और ग्राही को लेकर प्रतिरोपण से पहले की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। दोनों की कई जांच की गई है। गैरसंबंधी दाता की स्थिति में एचएलए के मिलान संबंधी जांच जरूरी नहीं है। हमने मिलान संबंधी जांच और रक्त की कई जांच की है तथा दोनों को इस प्रक्रिया के लिए फिट पाया गया है।’’ एम्स की ओर से बनाई गई विशेषज्ञों की एक टीम गुर्दे का प्रतिरोपण करेगी।
चिकित्सकों के अनुसार सुषमा लंबे समय से मधुमेह से पीड़ित हैं। गुर्दे के काम करना बंद करने के बाद उनको डायलिसिस पर रखा गया है।
एक वरिष्ठ चिकित्सक ने कहा, ‘‘उनकी एक सप्ताह में तीन बार डायलिसिस की गई है।’’ बीते 16 नवंबर को सुषमा ने ट्वीट करके जानकारी दी थी कि वह गुर्दे के काम करना बंद होने की वजह से एम्स में भर्ती हैं।
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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