एलडीएफ सरकार ने सोशल मीडिया पर भारी विरोध के बाद विवादित केरल पुलिस एक्ट (Kerala Police Act) में बदलाव को लागू करने का फैसला टाल दिया है. इस एक्ट के तहत इंटरनेट या सोशल मीडिया (Social Media) पर किसी आपत्तिजनक कंटेंट को लेकर पुलिस को असीमित अधिकार दिए गए हैं. सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक या मानहानि करने वाली पोस्ट पर 5 साल जेल औऱ दस हजार रुपये जुर्माने का प्रावधान है.मुख्यमंत्री पिनराई विजयन (Pinarayi Vijyan) ने सोमवार को कहा कि केरल पुलिस एक्ट में संशोधन को लागू नहीं किया जाएगा.
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विपक्षी दलों का आरोप है कि केरल सरकार द्वारा कानून में बदलाव का यह कदम अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला है. यह मीडिया और आलोचकों की आवाज को कुचलने का प्रयास है.कानून में बदलाव को लेकर कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने सवाल उठाए थे. सोशल मीडिया पर भी कहा गया कि यह लोकतंत्र की आवाज को दबाने का एलडीएफ सरकार का प्रयास है. माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने भी इस कानून पर पुनर्विचार करने की बात कही थी. विजयन ने कहा कि एलडीएफ के सहयोगी दलों औऱ लोकतंत्र समर्थक तमाम वर्गों की ओर से इस पर चिंता जताई जा रही थी. लिहाजा कानून में बदलाव को लागू नहीं किए जाने का निर्णय़ किया गया है.
विधानसभा में होगी विस्तृत चर्चा
विजयन ने कहा कि पुलिस एक्ट में बदलाव की घोषणा के बाद से विभिन्न वर्गों की ओर से अलग-अलग प्रतिक्रियाएं सामने आईं. मुख्यमंत्री ने कहा कि विधानसभा में इस मुद्दे पर विस्तृत चर्चा की जाएगी और सभी दलों की राय जानने के बाद इस पर आगे निर्णय लिया जाएगा. कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने भी इस नए कानून का विरोध करते हुए कहा था कि यह प्रेस की आजादी और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के खिलाफ है. इसका दुरुपयोग मीडिया और सरकार के आलोचकों के खिलाफ किया जा सकता है.
अपमानजनक पोस्ट पर 5 साल जेल का प्रावधान
विजयन ने रविवार को बचाव में कहा था कि केरल पुलिस एक्ट में संशोधन किसी भी तरह से निष्पक्ष पत्रकारिता या अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को दबाने के लिए नहीं किया जाएगा. बहरहाल, राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने शनिवार को केरल पुलिस एक्ट में बदलाव से जुड़े अध्यादेश को मंजूरी दी थी. इसमें इंटरनेट या किसी अन्य माध्यम से अपमानजनक या मानहानि करने वाले कंटेंट प्रकाशित या प्रसारित करने वालों को 5 साल जेल या 10हजार रुपये जुर्माना या दोनों सजा देने का प्रावधान था.
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