केरल बाढ़ की फाइल फोटो
नई दिल्ली:
केंद्र सरकार ने कहा कि दो दिन पहले बाढ़ प्रभावित केरल के लिये जारी की गई 600 करोड़ रुपये की रकम सिर्फ अग्रिम सहायता थी और नुकसान के आकलन के लिये अंतर-मंत्रालयी दल के राज्य के दौरे के बाद अतिरिक्त रकम जारी की जाएगी. संयुक्त अरब अमीरात द्वारा केरल के लिये 10 करोड़ अमेरिकी डॉलर (करीब 700 करोड़ रूपये) की मदद की पेशकश पर विदेशी सरकारों से आर्थिक मदद और सरकार की मौजूदा नीति के तहत विदेशी सरकारों से आर्थिक मदद को स्वीकार नहीं करने की घोषणा को लेकर हो रहे विवाद के बीच गृह मंत्रालय का यह बयान आया है.
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प्रधानमंत्री द्वारा दैनिक आधार पर नियमित रूप से स्थिति पर नजर रखी जा रही है. उन्होंने 17-18 अगस्त 2018 को राज्य का दौरा किया था. उनके निर्देश पर कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में राष्ट्रीय संकट प्रबंधन समिति (एनसीएमसी) ने 16 से 21 अगस्त 2018 के बीच रोजाना बैठक कर राहत और बचाव अभियान की नियमित निगरानी और समन्वय किया. रक्षा सेवाओं, एनडीआरएफ, एनडीएमए और नागरिक मंत्रालय के सचिव इन बैठकों में शामिल हुए थे. केरल के मुख्य सचिव ने भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये इन बैठकों में हिस्सा लिया.
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इन बैठकों में लिये गए निर्णयों के बाद केंद्र ने व्यापक स्तर पर राहत और बचाव अभियान चलाया. सबसे बड़े राहत अभियानों में से एक इस अभियान में 40 हेलीकॉप्टर, 31 विमान, 182 राहत दल, रक्षा बलों के 18 चिकित्सा दल, एनडीआरएफ के 58 दल, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल की सात कंपनियां शामिल थी इसके अलावा आवश्यक राहत उपकरणों के साथ 500 नौकाएं भी राहत कार्य के लिये लगाई गई हैं.
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बयान में कहा गया, ‘यह स्पष्ट किया गया है कि केंद्र द्वारा जारी 600 करोड़ रूपये सिर्फ अग्रिम सहायता है. तय प्रक्रियाओं का पालन करते हुए नुकसान के आकलन के बाद एनडीआरएफ की तरफ से अतिरिक्त सहायता जारी की जाएगी.’ केंद्र सरकार ने मंगलवार को बाढ़ प्रभावित केरल के लिये 600 करोड़ रूपये की सहायता जारी की. इनमें से पांच सौ करोड़ की घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने और 100 करोड़ की घोषणा गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने राज्य के अपने दौरे के दौरान की थी. गृह मंत्रालय ने कहा कि केरल में बाढ़ के दौरान केंद्र सरकार ने बिना किसी पूर्वाग्रह के सामयिक तरीके से अतिआवश्यक आधार पर सहायता और राहत सामग्री मुहैया कराई.सबरीमाला मंदिर हुआ बंद, मंदिर को 100 करोड़ का नुकसान
प्रधानमंत्री द्वारा दैनिक आधार पर नियमित रूप से स्थिति पर नजर रखी जा रही है. उन्होंने 17-18 अगस्त 2018 को राज्य का दौरा किया था. उनके निर्देश पर कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में राष्ट्रीय संकट प्रबंधन समिति (एनसीएमसी) ने 16 से 21 अगस्त 2018 के बीच रोजाना बैठक कर राहत और बचाव अभियान की नियमित निगरानी और समन्वय किया. रक्षा सेवाओं, एनडीआरएफ, एनडीएमए और नागरिक मंत्रालय के सचिव इन बैठकों में शामिल हुए थे. केरल के मुख्य सचिव ने भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये इन बैठकों में हिस्सा लिया.
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इन बैठकों में लिये गए निर्णयों के बाद केंद्र ने व्यापक स्तर पर राहत और बचाव अभियान चलाया. सबसे बड़े राहत अभियानों में से एक इस अभियान में 40 हेलीकॉप्टर, 31 विमान, 182 राहत दल, रक्षा बलों के 18 चिकित्सा दल, एनडीआरएफ के 58 दल, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल की सात कंपनियां शामिल थी इसके अलावा आवश्यक राहत उपकरणों के साथ 500 नौकाएं भी राहत कार्य के लिये लगाई गई हैं.
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