तिरुवनंतपुरम:
केरल कांग्रेस (एम) के नेता और वित्तमंत्री केएम मणि ने मंगलवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। केरल हाईकोर्ट की ओर से बार रिश्वत कांड में मणि के खिलाफ की गई कुछ टिप्पणियों के बाद उन्होंने इस्तीफा दिया है।
कानून मंत्री का भी पद संभाल रहे 82 साल के मणि ने अपनी पार्टी के सहकर्मियों से पूरे दिन विचार-विमर्श करने के बाद पत्रकारों से कहा कि वह न्यायपालिका का सम्मान करते हैं और इसलिए मंत्री पद से इस्तीफा देते हैं।
उन्होंने कहा, एक कानून मंत्री के तौर पर न्यायपालिका के प्रति अपना सम्मान एवं आदर व्यक्त करने के लिए मैं इस्तीफा दे रहा हूं। मणि ने यह फैसला ऐसे समय किया जब एक दिन पहले ही हाईकोर्ट ने बार मामले में उनके खिलाफ टिप्पणी की। मणि ने कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री ओमन चांडी से बात की है और अपना इस्तीफा उन्हें पहले ही भेज दिया है। चांडी ने कहा कि मणि का इस्तीफा स्वीकार कर लिया जाएगा। मणि ने समर्थन देने के लिए मुख्यमंत्री और उनके मंत्रिमंडलीय सहयोगियों का भी शुक्रिया अदा किया और उनके लिए अपना स्नेह साझा किया।
उन्होंने कहा, मैं इस्तीफा दे रहा हूं। लेकिन मैं यूडीएफ को समर्थन देता रहूंगा। इस मौके पर मौजूद रहे सरकार के मुख्य सचेतक थॉमस उन्नीयदन ने कहा कि वह भी अपने नेता से एकजुटता प्रदर्शित करने के लिए पद से इस्तीफा दे रहे हैं।
केरल कांग्रेस (एम) के बागी विधायक पीसी जॉर्ज को इस साल अनुशासन तोड़ने के आरोप में पद से हटाए जाने के बाद उन्नीयदन को मुख्य सचेतक बनाया गया था।
उन्नीयदन ने पहले एक न्यूज चैनल से कहा था, हाईकोर्ट की टिप्पणी के आधार पर मणि को इस्तीफा देने की जरूरत तो नहीं है, लेकिन टिप्पणियों पर लोगों के बीच बहस हो रही है और ऐसे हालात में मणि सर ने इस्तीफा देने का फैसला किया है। मैं भी इस्तीफा दूंगा। सोमवार को हाईकोर्ट ने एक विशेष सतर्कता अदालत के उस आदेश को बरकरार रखा था, जिसमें बार रिश्वतखोरी कांड में मणि के खिलाफ आगे की जांच के आदेश दिए गए थे।
कानून मंत्री का भी पद संभाल रहे 82 साल के मणि ने अपनी पार्टी के सहकर्मियों से पूरे दिन विचार-विमर्श करने के बाद पत्रकारों से कहा कि वह न्यायपालिका का सम्मान करते हैं और इसलिए मंत्री पद से इस्तीफा देते हैं।
उन्होंने कहा, एक कानून मंत्री के तौर पर न्यायपालिका के प्रति अपना सम्मान एवं आदर व्यक्त करने के लिए मैं इस्तीफा दे रहा हूं। मणि ने यह फैसला ऐसे समय किया जब एक दिन पहले ही हाईकोर्ट ने बार मामले में उनके खिलाफ टिप्पणी की। मणि ने कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री ओमन चांडी से बात की है और अपना इस्तीफा उन्हें पहले ही भेज दिया है। चांडी ने कहा कि मणि का इस्तीफा स्वीकार कर लिया जाएगा। मणि ने समर्थन देने के लिए मुख्यमंत्री और उनके मंत्रिमंडलीय सहयोगियों का भी शुक्रिया अदा किया और उनके लिए अपना स्नेह साझा किया।
उन्होंने कहा, मैं इस्तीफा दे रहा हूं। लेकिन मैं यूडीएफ को समर्थन देता रहूंगा। इस मौके पर मौजूद रहे सरकार के मुख्य सचेतक थॉमस उन्नीयदन ने कहा कि वह भी अपने नेता से एकजुटता प्रदर्शित करने के लिए पद से इस्तीफा दे रहे हैं।
केरल कांग्रेस (एम) के बागी विधायक पीसी जॉर्ज को इस साल अनुशासन तोड़ने के आरोप में पद से हटाए जाने के बाद उन्नीयदन को मुख्य सचेतक बनाया गया था।
उन्नीयदन ने पहले एक न्यूज चैनल से कहा था, हाईकोर्ट की टिप्पणी के आधार पर मणि को इस्तीफा देने की जरूरत तो नहीं है, लेकिन टिप्पणियों पर लोगों के बीच बहस हो रही है और ऐसे हालात में मणि सर ने इस्तीफा देने का फैसला किया है। मैं भी इस्तीफा दूंगा। सोमवार को हाईकोर्ट ने एक विशेष सतर्कता अदालत के उस आदेश को बरकरार रखा था, जिसमें बार रिश्वतखोरी कांड में मणि के खिलाफ आगे की जांच के आदेश दिए गए थे।
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