विज्ञापन

हर-हर महादेव के जयघोष के बीच केदारनाथ के कपाट बंद, पंच विग्रह डोली ऊखीमठ रवाना, अब शीतकालीन चारधाम यात्रा शुरू

Kedarnath Dham: चारधाम यात्रा के अहम पड़ाव केदारनाथ धाम के कपाट आज बंद हो गए हैं. यमुनोत्री धाम के कपाट भी आज ही दोपहर को भैया दूज के मौके पर बंद हो जाएंगे.

हर-हर महादेव के जयघोष के बीच केदारनाथ के कपाट बंद, पंच विग्रह डोली ऊखीमठ रवाना, अब शीतकालीन चारधाम यात्रा शुरू
Kedarnath Dham
  • केदारनाथ धाम के कपाट दिवाली के बाद भाई दूज के पावन अवसर पर गुरुवार को बंद किए गए हैं
  • कपाट बंद होने के बाद बाबा की पंचमुखी उत्सव डोली शीतकालीन गद्दीस्थल ऊखीमठ के लिए रवाना होगी
  • रुद्रप्रयाग जिले में केदारनाथ मंदिर को फूलों से भव्य तरीके से सजाकर कपाट बंद करने की तैयारी की गई है
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।
केदारनाथ:

Kedarnath Kapat Closed Today: केदारनाथ धाम के कपाट दिवाली के बाद गुरुवार को भाई दूज के पावन अवसर पर बंद हो रहे हैं. अब शीतकालीन गद्दीस्थल ऊखीमठ के लिए बाबा की पंचमुखी उत्सव डोली रवाना होगी. कपाट बंद होने के अवसर रुद्रप्रयाग जिले में इस मंदिर को फूलों से भव्य तरीके से सजाया गया है. वहीं आज ही उत्तरकाशी में यमुनोत्री धाम के कपाट बंद होंगे. शुभ मुहूर्त के अनुसार, भैयादूज के मौके पर दोपहर 12 बजकर 30 मिनट पर कपाट बंद होंगे. इससे पहले शनिदेव महाराज की डोली मां यमुना जी को लेने सुबह 8.30 बजे खरसाली गांव से यमुनोत्री धाम के लिए प्रस्थान करेगी. कपाट बंद होने के बाद मां यमुना की भोग मूर्ति शीतकालीन प्रवास खरसाली स्थित यमुना मंदिर में अगले छह माह तक विराजमान रहेंगी. यमुनोत्री मंदिर समिति द्वारा करीब 11 कुंतल फूलों से यमुनोत्री मंदिर को सजाया गया है.

भस्म स्नान कराया गया
केदारनाथ के तीर्थ पुरोहित उमेश पोस्ती ने कहा ने कहा कि पहले समाधि की पूजा की गई है. इसके बाद सुबह 8.30 बजे भगवान केदार की चल विग्रह की डोली ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ के लिए रवाना होगी. जब भगवान यहां पधारे थे, जो जल के द्वारा, दूध-घी के द्वारा उनका स्नान कराया गया था. आज भस्म के जरिये उनका स्नान कराया गया है. हमने और जिन भी लोगों ने यहां छह महीने भगवान की और केदारनाथ आने वाले यात्रियों की सेवा की है. उन्हें हम तहेदिल से धन्यवाद देते हैं.

केदारनाथ मंदिर के कपाट बंद करने के दौरान वैदिक मंत्रोच्चार और परंपराओं को निभाया गया. आखिरी दिन दर्शन करने वाले हजारों श्रद्धालुओं ने हर हर महादेव और जय बाबा केदार का जयघोष किया. अब 6 माह तक बाबा केदारनाथ की पूजा शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में की जाएगी.

Kedarnath

Kedarnath

द्वादश ज्योतिर्लिंगों में अग्रणी केदारनाथ ज्योतिर्लिंग के कपाट प्रातः भैयादूज के पर्व पर 8.30 बजे शीतकाल के लिए बंद किए गए. बाबा केदारनाथ की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली ने कपाट बंद होने के बाद अपने शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर के लिए प्रस्थान किया। पैदल डोली यात्रा पहला रात्रि प्रवास रामपुर में करेगी. फिर डोली गुप्तकाशी और 25 को अपने शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ पहुंचेगी.

बाबा केदार के स्वयंभू लिंग की समाधि पूजा
कपाट बंद होने से पूर्व प्रातः 4 बजे से 6 बजे तक बाबा केदार के स्वयंभू लिंग की समाधि पूजा अर्चना की गई. इसके बाद ठीक 6 बजे मंदिर के गर्भ गृह के कपाट बंद किए गए. साढ़े आठ बजे बाबा केदार की डोली मंदिर से बाहर आई, जिसके बाद मुख्य द्वार के कपाट बंद किए गए. कपाट बंद होने के बाद डोली ने मंदिर की एक परिक्रमा की और फिर अपने शीतकालीन गद्दीस्थल के लिए प्रस्थान किया. इस दौरान कपाट बंद होने के अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी मौजूद रहे.

चलविग्रह पंचमुखी डोली रवाना
इसके बाद गुरुवार को बाबा केदारनाथ की चलविग्रह पंचमुखी डोली को सभा मंडप से बाहर लाया गया. डोली को मंदिर की पूरी परिक्रमा कराई गई. फिर जयकारों के बीच मंदिर के कपाट बंद हो गए. भक्तों के साथ बाबा केदारनाथ की डोली रात्रि प्रवास के लिए रामपुर पहुंचेगी. जानकारी के मुताबिक, इस साल करीब 18 लाख श्रद्धालुओं ने केदारनाथ के दर्शन किए. केदारनाथ में बर्फबारी के साथ कड़ाके की ठंड पड़ना शुरू हो गई है.

Kedarnath

Kedarnath

गंगोत्री धाम, यमुनोत्री धाम के कपाट भी बंद
इससे पहले 22 अक्टूबर को गंगोत्री धाम के कपाट सुबह 11:30 बजे शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए थे. गंगोत्री धाम मंदिर के कपाट शीतकाल के लिए विधिविधान के साथ अन्नकूट पूजा के दिन 6 माह के लिए बंद कर दिए गए हैं. अन्नकूट पर् गंगोत्री धाम मंदिर के कपाट 11 बजकर 36 मिनट पर बंद कर दिए गए हैं. कपाट बंद होने पर गंगोत्री धाम से गंगा जी की उत्सव मूर्ति को डोली में बिठाकर मुखवा गांव लाया जाएगा. जहां गंगा जी की उत्सव प्रतिमा गंगा मंदिर में शीतकाल में विराजमान रहेंगी. इससे पूर्व मां गंगा की विग्रह डोली मुखबा से तीन किमी पहले मार्केण्डेय के अन्नपूर्णा मंदिर में रात्रि विश्राम करेगी. उसके बाद भैयादूज पर मुखबा में 6 माह के लिए विराजमान होगी. श्रद्धालु शीतकाल में मुखवा के गंगा मंदिर में दर्शन-पूजन कर सकेंगे.

छह महीने के लिए बंद चारधाम
दरअसल, उत्तराखंड के चार धाम गंगोत्री यमुनोत्री केदारनाथ और बद्रीनाथ धाम 6 महीने के लिए श्रद्धालुओं के लिए खोले जाते हैं, क्योंकि चारों धाम ऊंचे हिमालय क्षेत्र में हैं. वहां सर्दी में जबरदस्त बर्फबारी होती है और वहां रहना बेहद मुश्किल होता है. ऐसे में चारधामों के कपाट शीतकाल के लिए हर साल 6 महीने के लिए बंद किए जाते हैं. इसके बाद चारधाम के शीतकाल प्रवास, जिसमें गंगोत्री धाम का मुखवा शीतकाल प्रवास, यमुनोत्री धाम का खरसाली शीतकाल प्रवास, केदारनाथ धाम का शीतकाल प्रवास ऊखीमठ, और बद्रीनाथ धाम का शीतकाल प्रवास पांडुकेश्वर और ज्योर्तिमठ है. यहां पर श्रद्धालु भगवान के दर्शन करने पहुंचते हैं.

चारधाम यात्रा में रिकॉर्ड श्रद्धालु
उत्तराखंड चारधाम यात्रा में साल 2025 में रिकॉर्ड तोड़ श्रद्धालुओं ने दर्शन किए. गंगोत्री धाम में 758249 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए. यमुनोत्री धाम में 644505 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए. केदारनाथ धाम में 17 लाख 57 हजार 380 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए. बद्रीनाथ धाम में श्रद्धालुओं का आंकड़ा 15 लाख 32 हजार से ज्यादा श्रद्धालुओं ने दर्शन किए. अभी भी बद्रीनाथ धाम के कपाट खुले हैं और बद्रीनाथ धाम के पाठ शीतकाल के लिए 25 नवंबर को दोपहर 2:56 पर बंद किए जाएंगे.

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com