दिल्ली सरकार के तहत आने वाली कैट्स एंबुलेंस के कर्मचारियों ने 35 घंटे बाद हड़ताल खत्म कर दी है, यानी 102 नंबर की सेवा एक बार फिर से बहाल हो गई है। निजीकरण के विरोध में ये लोग सोमवार को हड़ताल पर चले गए थे। इसके चलते कैट्स की 152 एंबुलेंस सेवा ठप्प हो गई थी।
कल तक जो कैट्स के 800 कर्मचारी हड़ताल पर थे, उनमें से करीब 150 पक्के कर्मचारी एस्मा लगाने की चेतावनी के बाद मंगलवार से काम पर लौट आए, लेकिन बावजूद इसके एंबुलेंस के परिचालन में दिक्कत आ रही थी। लिहाजा दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य सचिव ने कांट्रैक्ट पर काम करने वाले कर्मचारियों की मंगलवार दोपहर एक मीटिंग बुलाई और कुछ शर्तों के साथ समझौता हो गया।
कांट्रेक्ट के कर्मचारियों को पांच लाख तक का मेडिक्लेम उसी तरह दिया जाएगा जैसे कि पक्के कर्मचारियों को मिलता रहा है। साथ ही तबियत खराब होने पर बिना वेतन काटे 30 दिनों की छुट्टी भी दी जाएगी। इतना ही नहीं निजीकरण की बात पर विभाग ने सफाई दी कि कंट्रोल रूम और गाड़ियों की मेनटेनेंस के अलावा प्राइवेट कंपनियों के पास और कोई भी अधिकार नहीं होगा। कांट्रेक्ट पर काम करने वाले कर्मचारी सीधे तौर पर दिल्ली सरकार के अधीन ही रहेंगे।
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