मुंबई:
26 नवंबर, 2008 को कसाब और उसके नौ अन्य साथियों ने मुंबई पर हमला किया। 27 नवंबर को रात 1:30 बजे के करीब कसाब को पकड़ लिया गया। 29 नवंबर को कसाब ने पुलिस को बयान दिया और हमले में शामिल होने की बात कबूल कर ली।
16 जनवरी, 2009 को कसाब के ट्रायल के लिए आर्थर रोड जेल को चुना गया। 20 और 21 फरवरी को कसाब ने मजिस्ट्रेट आरवी सावंत के सामने जुर्म कबूला। 25 फरवरी को कसाब के खिलाफ सत्र न्यायलय में चार्जशीट दाखिल की गई। 15 अप्रैल, 2009 से 26/11 मामले में सुनवाई शुरू। 8 मई, 2009 को चश्मदीदों ने कसाब की पहचान की।
23 जून को हाफि़ज सईद समेत 22 लोगों के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी हुए। 20 जुलाई, 2009 को कसाब ने स्पेशल जज एमएल तहिलयानी के सामने अपने ऊपर लगे आरोपों को कबूल किया। 16 दिसंबर को अभियोजन पक्ष ने 26/11 केस में सुनवाई पूरी की। 18 दिसंबर को कसाब ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को नकारा।
23 फरवरी, 2010 से मामले में अंतिम बहस शुरू। 6 मई, 2010 को कोर्ट ने कसाब को फांसी की सजा सुनाई। 8 अक्टूबर, 2010 से मामला बॉम्बे हाइकोर्ट में गया। 21 फरवरी, 2011 बॉम्बे हाइकोर्ट ने कसाब की फांसी की सजा को बरकरार रखा। 29 जुलाई, 2011 को कसाब ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की।
29 अगस्त, 2012 को सुप्रीम कोर्ट ने भी फांसी की सजा को कायम रखा। नौ नवंबर को राष्ट्रपति ने दया याचिका खारिज की। 19 नवंबर, 2012 को कसाब को आर्थर जेल से यरवडा जेल शिफ्ट किया गया। 21 नवंबर, 2012 को सुबह साढ़े सात बजे कसाब को यरवडा जेल में फांसी दे दी गई।
16 जनवरी, 2009 को कसाब के ट्रायल के लिए आर्थर रोड जेल को चुना गया। 20 और 21 फरवरी को कसाब ने मजिस्ट्रेट आरवी सावंत के सामने जुर्म कबूला। 25 फरवरी को कसाब के खिलाफ सत्र न्यायलय में चार्जशीट दाखिल की गई। 15 अप्रैल, 2009 से 26/11 मामले में सुनवाई शुरू। 8 मई, 2009 को चश्मदीदों ने कसाब की पहचान की।
23 जून को हाफि़ज सईद समेत 22 लोगों के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी हुए। 20 जुलाई, 2009 को कसाब ने स्पेशल जज एमएल तहिलयानी के सामने अपने ऊपर लगे आरोपों को कबूल किया। 16 दिसंबर को अभियोजन पक्ष ने 26/11 केस में सुनवाई पूरी की। 18 दिसंबर को कसाब ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को नकारा।
23 फरवरी, 2010 से मामले में अंतिम बहस शुरू। 6 मई, 2010 को कोर्ट ने कसाब को फांसी की सजा सुनाई। 8 अक्टूबर, 2010 से मामला बॉम्बे हाइकोर्ट में गया। 21 फरवरी, 2011 बॉम्बे हाइकोर्ट ने कसाब की फांसी की सजा को बरकरार रखा। 29 जुलाई, 2011 को कसाब ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की।
29 अगस्त, 2012 को सुप्रीम कोर्ट ने भी फांसी की सजा को कायम रखा। नौ नवंबर को राष्ट्रपति ने दया याचिका खारिज की। 19 नवंबर, 2012 को कसाब को आर्थर जेल से यरवडा जेल शिफ्ट किया गया। 21 नवंबर, 2012 को सुबह साढ़े सात बजे कसाब को यरवडा जेल में फांसी दे दी गई।
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