कर्नाटक (Karnataka) में हुए विधान परिषद चुनावों में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) सामान्य बहुमत हासिल करने में महज एक सीट से चूक गई. 25 सीटों में उसे 11 सीटों पर जीत मिली है, जबकि मुख्य विपक्षी कांग्रेस ने भी इतनी ही सीटें जीती हैं. निर्वाचन अधिकारियों ने कहा कि बीजेपी और कांग्रेस ने राज्य के 20 स्थानीय प्राधिकरणों के 25 निर्वाचन क्षेत्रों में से 11-11 सीट पर जीत हासिल की. विधान परिषद के लिए 10 दिसंबर को द्विवार्षिक चुनाव हुए थे और मंगलवार (14 दिसंबर) को मतगणना हुई थी.
अधिकारियों ने बताया कि विपक्षी पार्टी जेडी(एस) को दो सीटों पर जीत मिली है और एक सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार की जीत हुई है. निर्दलीय उम्मीदवार प्रतिष्ठित बेलगावी निर्वाचन क्षेत्र की दो सीटों में से एक पर जीत हासिल करने में सफल रहा है. जेडीएस ने कुल छह सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे, उनमें से मात्र दो पर ही जीत हासिल कर सकी. इनमें हासन सीट से पूर्व प्रधान मंत्री एचडी देवेगौड़ा के पोते सूरज रेवन्ना के साथ मैसूर की एक और सीट शामिल है.
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इन परिणामों के साथ, 75 सदस्यीय 'उच्च सदन' में बीजेपी सदस्यों की संख्या 32 से बढ़कर अब 37 हो गई, जबकि बहुमत के लिए उसे 38 सीटों की जरूरत थी. इस तरह पार्टी सामान्य बहुमत से एक सीट कम पर अटक गई. परिषद में अब कांग्रेस की संख्या भी 29 से घटकर 26 हो गई है, और जेडी(एस) की संख्या भी 12 से घटकर 10 हो गई है.
यह दिलचस्प हो गया है कि बीजेपी को बिल पास कराने के लिए अब जेडीएस का समर्थन हासिल नहीं करना पड़ेगा और विपक्ष में कांग्रेस और जेडीएस मिलकर भी बीजेपी सरकार के बिलों को ब्लॉक नहीं कर सकेगी. यह तभी संभव हो सकेगा, जब निर्दलीय भी उनके साथ हों.
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वर्ष 2015 में स्थानीय प्राधिकरण के निर्वाचन क्षेत्रों से पिछले विधान परिषद (एमएलसी) चुनावों के दौरान, भाजपा ने क्रमशः 6, कांग्रेस ने 14 और जेडी (एस) ने 4 सीट जीती थीं, जबकि एक सीट निर्दलीय को मिली थी.
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