जयललिता का फाइल फोटो...
नई दिल्ली:
आय से अधिक संपत्ति के मामले तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता को बरी करने के खिलाफ कर्नाटक सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। अपनी अपील में सरकार ने कहा, हाइकोर्ट का आदेश सिर्फ तमाशा और गैरकानूनी है। जया को बरी करने से कानून की हार हुई है इसलिए कर्नाटक हाइकोर्ट के आदेश पर रोक लगाई जाए और उनकी सदस्यता को रद्द रखा जाए।
याचिका में राज्य सरकार ने कहा है कि हाइकोर्ट ने अपने फैसले में आय से अधिक संपत्ति का गलत आंकलन किया है। जयललिता द्वारा आय से अधिक संपत्ति अर्जित किए जाने की राशि 76 फीसदी है न की 8.12 फीसदी। इस गलती ने आदेश को अमान्य बना दिया है।
याचिका में आगे कहा गया कि हाइकोर्ट में कर्नाटक सरकार को अपनी दलील रखने का मौका नहीं दिया गया, क्योंकि मामले में राज्य को पार्टी ही नहीं बनाया गया। इसी वजह से हाइकोर्ट में पूरी कानूनी प्रक्रिया बिगड़ गई। जबकि अभियोजन पक्ष ने सारे सबूतों के बल पर ये साबित कर दिया था कि जया के पास 66 करोड़ की संपत्ति है, लेकिन हाइकोर्ट ने इन सबूतों पर ठीक से गौर नहीं किया।
आय से अधिक संपत्ति के मामले में स्पेशल कोर्ट ने जया और तीन अन्य को चार साल की सजा और 100 करोड़ का जुर्माना लगाया था। इसकी वजह से उन्हें मुख्यमंत्री की कुर्सी गंवानी पड़ी थी, लेकिन इसी साल मई मे कर्नाटक हाइकोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया था और कहा था कि अगर आय दस फीसदी ज्यादा हो तो उसे अपराध नहीं माना जा सकता।
इसके बाद जयललिता दोबारा मुख्यमंत्री बन गई थीं। वो अब आरके नगर से 27 जून को होने वाले चुनाव में हिस्सा ले रही हैं। ऐस में कहा जा सकता है कि उनकी मुश्किलें अभी खत्म नहीं हुई हैं।
याचिका में राज्य सरकार ने कहा है कि हाइकोर्ट ने अपने फैसले में आय से अधिक संपत्ति का गलत आंकलन किया है। जयललिता द्वारा आय से अधिक संपत्ति अर्जित किए जाने की राशि 76 फीसदी है न की 8.12 फीसदी। इस गलती ने आदेश को अमान्य बना दिया है।
याचिका में आगे कहा गया कि हाइकोर्ट में कर्नाटक सरकार को अपनी दलील रखने का मौका नहीं दिया गया, क्योंकि मामले में राज्य को पार्टी ही नहीं बनाया गया। इसी वजह से हाइकोर्ट में पूरी कानूनी प्रक्रिया बिगड़ गई। जबकि अभियोजन पक्ष ने सारे सबूतों के बल पर ये साबित कर दिया था कि जया के पास 66 करोड़ की संपत्ति है, लेकिन हाइकोर्ट ने इन सबूतों पर ठीक से गौर नहीं किया।
आय से अधिक संपत्ति के मामले में स्पेशल कोर्ट ने जया और तीन अन्य को चार साल की सजा और 100 करोड़ का जुर्माना लगाया था। इसकी वजह से उन्हें मुख्यमंत्री की कुर्सी गंवानी पड़ी थी, लेकिन इसी साल मई मे कर्नाटक हाइकोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया था और कहा था कि अगर आय दस फीसदी ज्यादा हो तो उसे अपराध नहीं माना जा सकता।
इसके बाद जयललिता दोबारा मुख्यमंत्री बन गई थीं। वो अब आरके नगर से 27 जून को होने वाले चुनाव में हिस्सा ले रही हैं। ऐस में कहा जा सकता है कि उनकी मुश्किलें अभी खत्म नहीं हुई हैं।
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