फाइल फोटो
26 जुलाई को कारगिल युद्ध में भारत की विजय के 18 साल पूरे हो रहे हैं. 1998 की सर्दियों में ही कारगिल की ऊंची पहाडि़यों पर पाकिस्तानी घुसपैठियों ने कब्जा जमा लिया था. 1999 की गर्मियों की शुरुआत में जब सेना को पता चला तो सेना ने उनके खिलाफ ऑपरेशन विजय चलाया. करीब 18 हजार फीट की ऊंचाई पर कारगिल में लड़ी गई इस जंग में 527 भारतीय जवान शहीद हुए थे. वह सैन्य ऑपरेशन आठ मई को शुरू हुआ और 26 जुलाई को खत्म हुआ. इस सैन्य कार्रवाई में सेना के 527 जवान शहीद हुए तो करीब 1363 घायल हुए. वैसे इस लड़ाई में पाकिस्तान मानता है कि उसके करीब 357 सैनिक मारे गए थे लेकिन वास्तव में इस युद्ध में पाकिस्तान के करीब तीन हजार जवान मारे गए थे.
बाद में 11 मई से भारतीय वायुसेना भी इस जंग में शामिल हो गई थी लेकिन उसने कभी एलओसी पार नहीं की. वायुसेना क लड़ाकू विमान मिराज, मिग-21, मिग 27 और हेलीकॉप्टर ने पाकिस्तानी घुसपैठियों की कमर तोड़ दी. करीब 16 हजार से 18 हजार फीट की ऊंचाई पर यह लड़ाई लड़ी गई. करीब दो महीने तक चला कारगिल युद्ध भारतीय सेना के साहस और ताकत का ऐसा उदाहरण है जिस पर हर हिन्दुस्तानी को गर्व है.
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इस पूरे घटनाक्रम के दौरान एक वक्त ऐसा भी आया जब जंग तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने पाकिस्तानी पीएम नवाज शरीफ को फोन किया और उनकी बात एक्टर दिलीप कुमार से भी करवाई. इस पूरे मामले का जिक्र पाक के पूर्व विदेश मंत्री खुर्शीद कसूरी ने अपनी किताब "नाइदर अ हॉक नॉर अ डव" में किया है. इस किताब में कसूरी ने नवाज शरीफ के तत्कालीन प्रिंसिपल सेक्रेटरी सईद मेहंदी की बताई घटना का जिक्र किया है. सईद कसूरी के क्लास फेलो और दोस्त हैं.
जब फोन की घंटी बजी
सईद के मुताबिक जब वह एक दिन पीएम नवाज शरीफ के साथ थे तब फोन की घंटी बजी. उसमें बताया गया कि भारत के प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी आपसे बात करना चाहते हैं. जब दोनों नेताओं की बातचीत हुई तो बेहद तल्ख लहजे में वाजपेयी ने कहा कि हम तो आपके यहां लाहौर में दोस्ती का पैगाम लेकर आए थे लेकिन आपने तो बदले में हमको कारगिल युद्ध दिया. अवाक पाक पीएम से बातचीत खत्म करने से पहले उन्होंने कहा कि रुकिए जरा एक साहब से आपकी बात करवानी है.
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सईद के मुताबिक उसके बाद एक्टर दिलीप कुमार ने नवाज शरीफ से बात की. उनकी आवाज सुनकर नवाज शरीफ हैरान रह गया. दिलीप कुमार ने कहा, मियां साहब, आप हमेशा से ही दोनों मुल्कों के बीच अमन के बड़े पैरोकार रहे हैं, हमें आपसे ऐसी उम्मीद नहीं थी...इन हालात को संभालने के लिए कुछ कीजिए.
VIDEO-जब भारतीय सूरमाओं ने जीता समर
बाद में 11 मई से भारतीय वायुसेना भी इस जंग में शामिल हो गई थी लेकिन उसने कभी एलओसी पार नहीं की. वायुसेना क लड़ाकू विमान मिराज, मिग-21, मिग 27 और हेलीकॉप्टर ने पाकिस्तानी घुसपैठियों की कमर तोड़ दी. करीब 16 हजार से 18 हजार फीट की ऊंचाई पर यह लड़ाई लड़ी गई. करीब दो महीने तक चला कारगिल युद्ध भारतीय सेना के साहस और ताकत का ऐसा उदाहरण है जिस पर हर हिन्दुस्तानी को गर्व है.
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इस पूरे घटनाक्रम के दौरान एक वक्त ऐसा भी आया जब जंग तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने पाकिस्तानी पीएम नवाज शरीफ को फोन किया और उनकी बात एक्टर दिलीप कुमार से भी करवाई. इस पूरे मामले का जिक्र पाक के पूर्व विदेश मंत्री खुर्शीद कसूरी ने अपनी किताब "नाइदर अ हॉक नॉर अ डव" में किया है. इस किताब में कसूरी ने नवाज शरीफ के तत्कालीन प्रिंसिपल सेक्रेटरी सईद मेहंदी की बताई घटना का जिक्र किया है. सईद कसूरी के क्लास फेलो और दोस्त हैं.
जब फोन की घंटी बजी
सईद के मुताबिक जब वह एक दिन पीएम नवाज शरीफ के साथ थे तब फोन की घंटी बजी. उसमें बताया गया कि भारत के प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी आपसे बात करना चाहते हैं. जब दोनों नेताओं की बातचीत हुई तो बेहद तल्ख लहजे में वाजपेयी ने कहा कि हम तो आपके यहां लाहौर में दोस्ती का पैगाम लेकर आए थे लेकिन आपने तो बदले में हमको कारगिल युद्ध दिया. अवाक पाक पीएम से बातचीत खत्म करने से पहले उन्होंने कहा कि रुकिए जरा एक साहब से आपकी बात करवानी है.
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सईद के मुताबिक उसके बाद एक्टर दिलीप कुमार ने नवाज शरीफ से बात की. उनकी आवाज सुनकर नवाज शरीफ हैरान रह गया. दिलीप कुमार ने कहा, मियां साहब, आप हमेशा से ही दोनों मुल्कों के बीच अमन के बड़े पैरोकार रहे हैं, हमें आपसे ऐसी उम्मीद नहीं थी...इन हालात को संभालने के लिए कुछ कीजिए.
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