कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और वकील कपिल सिब्बल ने विपक्षी पार्टी के नेताओं को सोमवार को डिनर पर बुलाया. इस डिनर में 15 पार्टियों के क़रीब 45 नेता और सांसद जुटे. इनमें लालू यादव, शरद पवार, अखिलेश यादव, डेरेक ओब्रायन, सीताराम येचुरी और संजय राउत जैसे नेता शामिल हैं. इतना ही नहीं इसमें बीजेडी के पिनाकी मिश्रा, अकाली दल के नरेश गुजराल, और आम आदमी पार्टी के संजय सिंह भी शामिल हुए. साथ ही टीडीपी, टीआरएस और वाईएसआर कांग्रेस और आरएलडी के नेता भी शामिल हुए. ये वो पार्टियां हैं जो अमूमन विपक्षी पार्टियों की बैठकों या तो बुलाई नहीं जातीं या फिर आती नहीं हैं. हाल ही में राहुल गांधी ने नाश्ते पर बुलाया था तो आम आदमी पार्टी न्योते के बाद भी शामिल नहीं हुई थी.
गौरतलब है कि राहुल गांधी सोमवार को ही दो दिवसीय दौरे पर कश्मीर गए हैं और इस बीच ये डिनर हुआ है. डिनर देने वाले कपिल सिबल उस G23 के सदस्य हैं जो कांग्रेस नेतृत्व से असंतुष्ट बताए जाते हैं. उनके अलावा इस डिनर में G23 के कई कोर मेंबर भी शामिल हुए. जिनमें गुलाम नबी आज़ाद, भूपिन्दर सिंह हुड्डा, आनंद शर्मा, मनीष तिवारी, शशि थरूर और संदीप दीक्षित के नाम अहम हैं.
बता दें कि अक्सर पार्टी के भीतर नेताओं और अन्य विपक्षी दलों की ओर से यह राय मशविरा दिया गया है कि कांग्रेस को और मजबूत बनना चाहिए. उसके लिए नेतृत्व परिवर्तन करना जरूरी है. हालांकि कई नेता राहुल गांधी की वापसी के लिए जोर दे रहे हैं.
सूत्र बताते हैं कि कपिल सिबल ने सभी मेहमानों का स्वागत करते हुए कहा कि कांग्रेस के सिपाही होने के नाते हम चाहते हैं कि बीजेपी के खिलाफ एक मज़बूत मोर्चा बने. सिब्बल की बात का सभी नेताओं ने समर्थन किया. सूत्रों के मुताबिक- सबसे लंबा शरद पवार बोले. उन्होंने कहा कि मैं आपकी बात से सहमत हूं. आप जो पार्टी के भीतर और बाहर जो भी मुद्दे उठाते हैं वो सही हैं. इस पर सिब्बल ने कहा कि पार्टी के भीतर जो हम उठाते हैं वो अलग मामला है लेकिन यहां सवाल विपक्षी एकता का है.
जेल से छूटने और तबीयत ठीक होने के बाद विपक्षी दलों के नेताओं के साथ लालू यादव का ये पहला सामूहिक डिनर था. इस मौक़े पर लालू यादव ने भी सिब्बल की बातों से सहमति जताते हुए विपक्षी एकता को मज़बूत करने की दिशा में क़दम उठाने की जरूरत बताई और कहा कि यहां बैठे लोगों की वे ताकत हैं. हम जब भी मुश्किल में आते हैं तो सिब्बल साहेब को याद करते हैं. कांग्रेस पार्टी इन लोगों के अनुभव का फ़ायदा उठाए.
सूत्रों के मुताबिक़ -एक अहम बात बीजेडी के पिनाकी मिश्रा ने कही. उन्होंने सीधे तौर पर कहा कि बीजेडी कई मुद्दों पर कांग्रेस के साथ होना चाहती है पर उनको नहीं पता कि बात किससे की जाए. ये अलग बात है कि बीजेडी हमेशा बीजेपी के साथ चलती हुई देखी गई है. सूत्रों के मुताबिक- अखिलेश यादव ने कहा कि विपक्ष को कपिल सिब्बल, ग़ुलाम नबी आज़ाद और भूपिन्दर सिंह हुड्डा के अनुभव का फायदा उठाना चाहिए.
अकाली दल की तरफ़ से कहा गया कि किसानों के मुद्दे पर एकजुट हैं और वाईएसआर की तरफ़ से कहा गया कि हम देश की बेहतरी के लिए पुरानी बातों को भूलने को तैयार हैं. इस मौके पर सबने अहमद पटेल को भी याद किया और कहा कि उनकी कमी खलती है. इस सब बातों के बीच सिब्बल और G23 के बाक़ी नेता बार-बार कहते रहे कि वे सभी कांग्रेस के सिपाही हैं. लेकिन कांग्रेस के नेता राहुल गांधी की अनुपस्थिति में ये डिनर कांग्रेस की अंदरूनी राजनीतिक की एक बड़ी कहानी कह रही है.
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