‘कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन्स फाउंडेशन' (केएससीएफ) ने हैदराबाद में महिला डॉक्टर से रेप के मामले में राज्य सरकार से महिला सुरक्षा को तत्काल सुनिश्चित करने के लिए स्पीडी ट्रायल की व्यवस्था करने की अपील की है. केएससीएफ ने कहा कि महिला सुरक्षा के प्रति आम लोगों में एक संदेश जाए इसलिए समयबद्ध तरीके से ऐसे अपराधों पर अंकुश लगाने को तत्काल सुनवाई और कार्रवाई की सख्त जरूरत आन पड़ी है. संसद द्वारा पारित नया कानून एक समय-सीमा के भीतर न्याय के लिए स्पीडी ट्रायल का प्रावधान करता है. इसलिए राज्य सरकार को नए प्रावधानों के तहत प्रभावी ढंग से काम करने की जरूरत है. इससे महिलाओं के खिलाफ किसी भी अपराध को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और प्रशासन और समाज सबसे सख्त रुख अपनाएगा.
हैदराबाद रेप-मर्डर केस: फास्ट ट्रैक कोर्ट में होगी मामले की सुनवाई, हाईकोर्ट ने दी इजाजत
केएससीएफ ने कहा है कि हम तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव से आग्रह करते हैं कि दो महीने के भीतर इसे पूरा करने के लिए नामित अदालत में मुकदमे के लिए स्पीडी ट्रायल करें और ऐसे मामलों में स्पीडी ट्रायल के हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लागू करना सुनिश्चित करें. वहीं, दूसरी तरफ केएससीएफ ने तेलंगाना सरकार द्वारा ‘निर्भया फंड' के तहत मिले पैसों को पूरा इस्तेमाल न करने पर भी चिंता जताई है और कहा है कि फंड का एक बड़ा हिस्सा अप्रयुक्त और बेकार है. केएससीएफ ने तेलंगाना समेत अन्य राज्यों से तत्काल प्रभाव से महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए निर्भया फंड का उपयोग करने के लिए एक रोडमैप बनाने का भी आह्वान किया है.
बता दें कि केएससीएफ ने पिछले दिनों एक अभियान की शुरुआत की है. यह अभियान विश्व स्तर पर इस बात को सुनिश्चित करने का काम करेगा कि भारत में महिलाओं को न केवल सम्मान दिया जाता है, बल्कि वे सुरक्षित भी हैं. गौरतलब है कि नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित कैलाश सत्यार्थी द्वारा स्थापित ‘कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन्स फाउंडेशन' बच्चों के शोषण और हिंसा की रोकथाम के लिए जमीनी स्तर पर काम करने वाला वैश्विक संगठन है.
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