मानव संसाधन मंत्रालय ने जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) के वाइस चांसलर को तलब किया. 11:30 बजे उनकी मुलाकात तय की गई है. मिली जानकारी के मुताबिक शिक्षा विभाग के सचिव ने उन्हें तलब किया है. गौरतलब है कि फीस वृद्धि के फैसले के खिलाफ कई दिनों से कैंपस में विरोध प्रदर्शन हो रहा है और इस बीच हिंसा भी हुई है. आपको बता दें कि जेएनयू के वीसी को हटाने की मांग भी की जा रही है. हालांकि एचआरडी मंत्रालय ने इसे नकार कर दिया है. गौरतलब है कि फीस वृद्धि के फैसले के खिलाफ जेएनयू में बीते कुछ दिनों से कई घटनाक्रम हुए हैं. पांच दिन पहले ही कुछ नकाबपोशों ने कैंपस में घुसकर छात्र और छात्राओं पर हमला कर दिया जिसमें कई लोग घायल हो गए. वहीं इस घटना पर दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने कहा कि उसने इस हमले के संबंध में कुछ संदिग्धों की पहचान की है. पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि उन्होंने दो व्हाट्सएप समूहों के कम से कम 70 एडमिन की पहचान की है, जिन समूहों में कथित तौर पर जेएनयू छात्र संघ (जेएनयूएसयू) के सदस्यों पर हमले की योजना बनाई गई थी. पुलिस के अनुसार, वे रविवार को हमला करने वालों की पहचान करने के बहुत करीब है और कुछ संदिग्धों की पहचान कर ली गई है पुलिस ने अब तक विश्वविद्यालय के 100 से अधिक लोगों से बात की है, जिनमें छात्र, शिक्षक, वार्डन और गवाह शामिल हैं.
वीसी को हटाने से इनकार, छात्रों से भी मिलेंगे सचिव
छात्रों और अध्यापकों के एक धड़े द्वारा जेएनयू के कुलपति एम जगदीश कुमार को हटाने की मांग के बीच बृहस्पतिवार को मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने उन्हें हटाने से इनकार कर दिया है. मंत्रालय ने कहा कि कुलपति को हटाना समाधान नहीं है और सरकार का ध्यान परिसर में उठे मुद्दों का निपटारा करना है. हालांकि, मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि छात्रों और प्रशासन के साथ बैठक के दौरान तय ‘फार्मूला' को लागू करने की जरूरत है. छात्रों का दावा है कि एचआरडी के दखल के दौरान तय संशोधित शुल्क को लागू नहीं किया गया है. मानव संसाधन विकास सचिव अमित खरे ने जेएनयू छात्र संघ और अध्यापक संघ के प्रतिनिधियों के प्रतिनिधिमंडल से बातचीत की, जहां उन्होंने कुलपति को हटाने की मांग रखी. खरे ने कहा, 'कुलपति को हटाना समाधान नहीं है. बुनियादी मुद्दा, जिस पर सारी समस्या पैदा हुई है, पहले उसका समाधान करने की जरूरत है. मुद्दे के समाधान के लिए एक्स, वाई, जेड को बदलना महत्वपूर्ण नहीं है. दलील के मुख्य आधार का समाधान करने की जरूरत है. छात्र संघ को आधिकारिक तौर पर अधिसूचित नहीं किए जाने के छात्रों के मुद्दे पर उन्होंने कहा, 'मंत्रालय का ध्यान शैक्षाणिक मुद्दों पर है, ना कि राजनीतिक मुद्दों पर.' मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने कुलपति और उनकी टीम से मुलाकात के बाद आज ही छात्रों को फिर से मिलने के लिए बुलाया है.
JNU मामला: मानव संसाधन मंत्रालय के सचिव अमित खरे से NDTV की खास बातचीत
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