मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद कांग्रेस अध्यक्ष ने प्रदेश नेतृत्व को बदल दिया था. वहां जीतू पटवारी को प्रदेश कांग्रेस का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया था.इसके बाद से ही वो पार्टी को रफ्तार में लाने की कोशिश कर रहे हैं. इसका परिणाम यह है कि पार्टी अब सड़क पर लड़ते हुए नजर आती है. पटवारी खुद ही लगातार सक्रिय रहते हैं. लेकिन पिछले दिनों उनके एक बयान ने मध्य प्रदेश में पार्टी की हालत को बयान किया. दरअसल वो पार्टी की गुटबाजी से परेशान नजर आए. इससे परेशान पटवारी ने गुटबाजी की तुलना कैंसर से कर दी. हालांकि सोमवार को इंदौर के पास महू में आयोजित कांग्रेस की 'जय भीम, जय बापू, जय संविधान' रैली में पटवारी ने माफी मांगते हुए पार्टी नेतृत्व को विश्वास दिलाया कि आने वाले चुनावों में पार्टी का प्रदर्शन अच्छा होगा.
जीतू पटवारी ने कहा क्या था
जीतू पटवारी ने धार जिले के धरमपुरी में कार्यकर्ताओं की बैठक कहा था, "पार्टी में गुटबाजी का यह कैंसर अगर खत्म नहीं किया तो पार्टी का अस्तित्व ही संकट में पड़ जाएगा.'' उन्होंने कहा था, "पार्टी में गुटबाजी बड़ी समस्या है. यह समस्या पार्टी के लिए एक बड़ी चुनौती बन चुकी है. मेरे पास लोग आते हैं, मैं भी देखता हूं. मैं कहता हूं कि जो ग्रुपिज्म की बात करता है, वह पार्टी का बाप बनना चाहता है. मैं पार्टी का बेटा हूं, मुझे कुछ नहीं बनना, मुझे सिर्फ कांग्रेस की सरकार बनानी है. मुझे कोई पद नहीं चाहिए. यह कान फूंकने वाले सभी जगह होते हैं.सभी पार्टी में होते हैं.''उन्होंने कहा था कि यदि पार्टी के जिम्मेदार पदों पर बैठे लोग कान फूंकने वालों से दूर हो जाएं, तो आधी बीमारी तो वैसे ही दूर हो जाएगी. जीतू पटवारी ने कहा कि मैंने तो शपथ ले ली है कि कानू फूंकने वालों को आसपास नहीं आने दूंगा आप भी इसे याद रखो.
पटवारी के बयान में भी बीजेपी ने खोजी गुटबाजी
पटवारी के इस बयान पर बीजेपी नेताओं ने चुटकी लेने में देरी नहीं की.पटवारी के बयान पर मध्य प्रदेश के खेल और सहकारिता मंत्री विश्वास सारंग ने कहा था कि दिल की बात जुबां पर आ ही जाती है. हम तो पहले ही कह रहे हैं कि कांग्रेस गुटों में बंटी है. अब कांग्रेस अध्यक्ष ने तो कह दिया कि कांग्रेस में गुटबाजी का कैंसर हो गया है. उन्होंने कहा कि देखने वाली बात तो यह है कि जीतू पटवारी ने यह बयान दिया कहां पर है.उन्होंने कहा था कि यह बयान पटवारी ने धार में दिया, जहां से नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार हैं.उन्होंने कहा था कि क्या गुटबाजी सिंघार की वजह से ही हो रही है.
मध्य प्रदेश कांग्रेस की गुटबाजी
दरअसल मध्य प्रदेश कांग्रेस में गुटबाजी की बात बहुत पहले से कही जा रही थी. राजनीतिक विश्लेषकों का कहना था कि कांग्रेस अपनी गुटबाजी की वजह से ही चुनाव नहीं जीत पा रही थी. दिसंबर 2023 में हुए विधानसभा चुनाव के समय कहा गया कि कांग्रेस यह चुनाव एक होकर लड़ रही थी.प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ और राज्य सभा सांसद दिग्विजय सिंह एकजुट होकर चुनाव पर ध्यान दे रहे हैं और रणनीतियां बना रहे हैं. कांग्रेस में जीत का आत्मविश्वास यहां तक था कि कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी ने भी कह दिया था कि हम तेलंगाना को छोड़कर बाकी के सभी राज्य जीत रहे हैं. लेकिन जब परिणाम आया तो कांग्रेस तेलंगाना को छोड़कर कोई भी राज्य नहीं जीत पाई.
विधानसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद कांग्रेस के गुटबाजी की परतें एक-एक कर खुलने लगीं. इससे पता चला कि कांग्रेस में गुटबाजी कितने अंदर तक धंसी हुई है. यहां तक की इस हार के लिए कांग्रेस के कई नेताओं ने तो प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ को ही जिम्मेदार ठहरा दिया. कहा गया कि कमल नाथ ने टिकट बंटवारे में मनमानी की, इसका परिणाम यह हुआ कि कांग्रेस जीता हुआ चुनाव हार गई. इसके बाद कांग्रेस ने कमल नाथ की प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से ही छुट्टी कर दी. बाद में तो यहां तक कहा जाने लगा कि कमल नाथ भी बीजेपी में शामिल होने वाले हैं. लेकिन यह अफवाह सही नहीं साबित हुई.
जीतू पटवारी के नेतृत्व में मध्य प्रदेश कांग्रेस
जीतू पटवारी को प्रदेश अध्यक्ष बनाने का फायदा कांग्रेस को नजर आने लगा.विधानसभा चुनाव के बाद दो सीटों पर हुए उपचुनाव में कांग्रेस ने एक सीट जीत ली. कांग्रेस ने विजयपुर सीट पर अपना कब्जा जमाए रखा. वहीं बुधनी सीट पर उसने बीजेपी को नाको-चने चबवा दिए. राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की इस सीट पर विधानसभा चुनाव के दौरान बीजेपी ने एक लाख से अधिक वोटों से जीत दर्ज की थी. लेकिन उपचुनाव में वह बहुत मुश्किल से 13 हजार वोटों से जीत पाई. विधानसभा चुनाव और उपचुनाव के बीच कांग्रेस शिवराज की सीट पर अपना 33 हजार से अधिक वोट बढ़ा पाने में कामयाब रही. पटवारी के जुझारूपन की वजह से कांग्रेस अब मध्य प्रदेश की सड़कों पर नजर आती है.
राहुल गांधी से जीतू पटवारी ने क्या वादा किया है
अपने बयान के एक हफ्ते बाद पटवारी बाबा साहेब आंबेडकर की जन्मस्थली महू में 27 जनवरी को आयोजित कांग्रेस के 'जय भीम, जय बापू, जय संविधान' रैली में काफी जोश में नजर आए. उन्होंने कहा कि एक साल पहले विधानसभा चुनाव में मिले हार की वजह से पार्टी में भयंकर निराशा थी, लेकिन कार्यकर्ताओं और प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के सहयोग और उत्साह की वजह से आज कांग्रेस अपनी पुरानी ताकत से पूरे प्रदेश में खड़ी हो गई है. उन्होंने कार्यक्रम के मंच पर मौजूद राहुल गांधी को विश्वास दिलाया कि वो मध्य प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं और कार्यकर्ताओं के सहयोग से पार्टी का पुराना वैभव लौटा के रहेंगे. उन्होंने कहा कि हम तब तक चैन की नींद नहीं सोएंगे, जब तक कि पार्टी का पुराना वैभव वापस नहीं दिला देते हैं. इस अवसर पर उन्होंने लोकसभा चुनाव में प्रदेश की सभी सीटें हारने के लिए माफी मांगी. उन्होंने कहा कि अगर मध्य प्रदेश से कांग्रेस को 10 सीट का सहयोग मिल जाता तो नरेंद्र मोदी की नैया रुक जाती. उन्होंने कहा कि वो खुद को इसका दोषी मानते हैं और इसकी भरपाई वो आने वाले चुनाव में करेंगे.
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