एआईएडीएमके सुप्रीमो जयललिता के तक़रीबन 67 करोड़ रुपये से जुड़े अय से अधिक संपत्ति रखने के मामले में कर्नाटक हाई कोर्ट ने 41 दिनों के अंदर सुनवाई पूरी कर ली। फ़िलहाल जस्टिस कुमारास्वामी ने फैसला सुरक्षित रखा है।
जयललिता के वकील बी कुमार ने बताया कि दोनों पक्षों की दलील पूरी हो गई है। अदालत ने फसला सुरक्षित रखा है लेकिन फैसले की तारिख फिलहाल तय नहीं हुई है।
जयललिता 1991 से 1996 के बीच तमिलनाडु की मुख्यमंत्री थी। सुब्रह्मण्यम स्वामी ने इस मामले को उठाते हुए मुक़दमा दर्ज करवाया था। 18 नवंबर 2003 को डीएमके की अपील पर सुप्रीम कोर्ट ने निष्पक्ष अदालती कार्यवाई के लिए सुनवाई बेंगलुरु में करवाने का आदेश दिया था।
27 सितम्बर 2014 को बेंगलुरु की एक विशेष अदलात ने जयललिता सहित उनकी सहयोगी शशिकला, दत्तक पुत्र वीएन सुधाकरन और इल्लावेर्सि को 4-4 साल की सज़ा सुनाई। जयललिता को इसके साथ 100 करोड़ का जुर्माना और उनके दूसरे साथियों को 10-10 करोड़ अदा करने का हुक्म दिया।
इसके साथ ही जयललिता को मुख्यमंत्री पद छोड़ना पड़ा था। हाई कोर्ट ने उनकी ज़मानत की अर्जी ठुकरा दी। बाद में सुप्रीम कोर्ट से इन सभी को ज़मानत मिली। भ्रष्टाचार निरोधक क़ानून के तहत सजा होने पर दोषी 6 सालों तक चुनाव नहीं लड़ सकता।
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