जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा सोमवार को नई दिल्ली की यात्रा पर आएंगे. यात्रा के दौरान उनके "स्वतंत्र और खुले हिंद-प्रशांत" के लिए अपनी योजना का खुलासा करने और इस क्षेत्र में भारत की बढ़ती महत्वपूर्ण भूमिका पर ध्यान देने की उम्मीद है. चीन की बढ़ती सैन्य मुखरता की पृष्ठभूमि में हिंद-प्रशांत क्षेत्र में उभरती स्थिति पर भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और किशिदा के बीच व्यापक वार्ता में होने की संभावना है.
जापानी प्रधानमंत्री रक्षा और सुरक्षा, व्यापार और निवेश तथा उच्च प्रौद्योगिकी सहित कई क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों को और विस्तार देने के उद्देश्य से लगभग 27 घंटे की लंबी यात्रा पर सोमवार की सुबह नई दिल्ली पहुंचेंगे.
प्रधानमंत्री मोदी और प्रधानमंत्री किशिदा भी G20 की भारत की अध्यक्षता और G7 की जापान की अध्यक्षता के लिए प्राथमिकताओं पर चर्चा करने के लिए तैयार हैं.
इस मामले के जानकारों ने शनिवार को कहा कि, सुषमा स्वराज भवन में विश्व मामलों की भारतीय परिषद द्वारा आयोजित एक व्याख्यान के दौरान जापानी प्रधानमंत्री द्वारा 'शांति के लिए स्वतंत्र और खुले भारत-प्रशांत की योजना' का खुलासा करने की उम्मीद है. योजना से भारत-प्रशांत के लिए भारत का महत्व स्पष्ट होने की उम्मीद है.
पिछले साल जून में सिंगापुर में प्रतिष्ठित शांगरी-ला डायलॉग में पीएम किशिदा ने कहा था कि वे अगले वसंत में इंडो-पैसिफिक के लिए योजना तैयार करेंगे.
उन्होंने कहा था, "मैं अगले वसंत तक 'शांति के लिए स्वतंत्र और खुली भारत-प्रशांत योजना' तैयार करूंगा, जो गश्ती जहाज प्रदान करने, समुद्री कानून प्रवर्तन क्षमताओं, साइबर सुरक्षा, डिजिटल और हरित पहल, व आर्थिक सुरक्षा बढ़ाने पर जोर देने के साथ मुक्त और खुले भारत-प्रशांत की दृष्टि को बढ़ावा देने के जापान के प्रयासों को मजबूत करेगी."
योजना के जरिए भारत-प्रशांत के प्रति जापान की नीति और दृष्टिकोण का विवरण दिए जाने की उम्मीद है. पिछले कुछ वर्षों में, लगभग सभी प्रमुख शक्तियां भारत-प्रशांत के लिए अपनी रणनीतियों के साथ सामने आई हैं.
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