जम्मू कश्मीर में बाढ़ से भारी विनाश के बीच अब तक इससे करीब 150 लोगों की मौत हो चुकी हैं, जबकि कई अन्य प्रभावित हुए हैं। राहत अभियान आज तेज कर दिया गया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बाढ़ प्रभावित इस राज्य के लिए 1000 करोड़ रुपये की सहायता मुहैया कराने की घोषणा की।
नदियों और अन्य जल धाराओं में बाढ़ से अस्पतालों सहित कई इमारतें क्षतिग्रस्त हो गयी हैं और कई क्षेत्रों से सड़क और संचार सम्पर्क टूट गया है। श्रीनगर स्थित सैन्य छावनी, सिविल सचिवालय और उच्च न्यायालय भी जलमग्न हो गए हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और अन्य शीर्ष अधिकारियों के साथ एक उच्चस्तरीय बैठक में बाढ़ की स्थिति की समीक्षा की। सुबह जम्मू पहुंचे मोदी ने जम्मू के टेक्नीकल हवाई अड्डे पर बैठक की। अब्दुल्ला ने उन्हें बाढ़ से हुए नुकसान की जानकारी दी। बाढ़ से हुए नुकसान का जायजा लेने के लिए पीएम ने श्रीनगर क्षेत्र में हवाई सर्वेक्षण भी किया।
जम्मू-कश्मीर के पिछले 50 सालों के इतिहास में आई अब तक की सबसे भीषण बाढ़ में अब तक 150 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। करीब 350 गांव पानी में डूब चुके हैं और 2300 से ज्यादा गांवों में बाढ़ का पानी घुस चुका है। बचाव और राहत अभियान जोरों पर है।
हालात को देखते हुए गृह मंत्रालय में कंट्रोल रूम भी बनाया गया है। जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने राज्य में आई भयावह बाढ़ की तुलना पिछले साल की केदारनाथ त्रासदी से करते हुए उम्मीद जताई कि उनकी सरकार मृतकों की संख्या उसके मुकाबले कम रखने और त्वरित बचाव अभियान में सफल रहेगी।
इस बीच, जम्मू में स्थिति सुधरने लगी है, लेकिन बुधवार से हो रही बारिश से कश्मीर का बड़ा हिस्सा बाढ़ से प्रभावित है। राज्य सरकार ने 12 सितंबर तक सभी स्कूलों को बंद रखने का आदेश दिया है।
मौसम में सुधार के संकेत मिलते ही राहत प्रयास तेज कर दिए गए हैं और सेना ने 184 कॉलम (प्रत्येक में 75 से 100 कर्मी) तैनात किए हैं, जबकि वायुसेना ने 29 विमान और हेलीकॉप्टरों को सेवा में लगाया है, आपदा निगरानी इकाई गठित की है और अपने सभी अड्डों को हाई अलर्ट पर रखा है।
सेना और वायुसेना ने विभिन्न क्षेत्रों से 13 हजार से ज्यादा लोगों को सुरक्षित निकाला है। हालांकि निचले इलाकों में इमारतों की उपरी मंजिलों में कई लोग अब भी फंसे हुए हैं और मदद की प्रतीक्षा कर रहे हैं। वहीं राज्य के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने उन्हें भरोसा दिलाया है कि मदद उनके पास जल्द पहुंचेगी।
उमर ने कहा कि केंद्र ने राष्ट्रीय आपदा मोचन कोष के 1,000 करोड़ रुपये के इस्तेमाल की इजाजत दे दी है। उन्होंने कहा, ...यहां भी स्थिति उसी तरह (केदारनाथ) है। वहां भी बारिश के कारण नुकसान हुआ था और यहां भी बारिश के कारण नुकसान हुआ है। मुख्यमंत्री ने कहा, उस राज्य ने इस तरह की स्थिति का सामना किया है और यह राज्य ऐसी स्थिति का सामना कर रहा है। बहरहाल, वहां यहां के मुकाबले ज्यादा मौतें हुई थीं।
(इनपुट एजेंसियों से भी)
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