पंजाब में जालंधर लोकसभा सीट पर उपचुनाव में विजयी हुई आम आदमी पार्टी (आप) को शनिवार को 34.05 प्रतिशत वोट मिले, जबकि 2019 के लोकसभा चुनाव में उसे महज 2.5 प्रतिशत वोट ही मिले थे. निर्वाचन आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, आप के सुशील रिंकू ने अपनी निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस की करमजीत कौर चौधरी को 58,691 मतों के अंतर से हराया.
आंकड़ों के मुताबिक, रिंकू को 3,02,279 वोट मिले, जबकि चौधरी को 2,43,588 वोट मिले. उपचुनाव से पहले रिंकू कांग्रेस छोड़कर आप में शामिल हुए थे. शिरोमणि अकाली दल (एसएडी) के सुखविंदर कुमार सुखी तीसरे स्थान पर रहे, जबकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के इंदर इकबाल सिंह अटवाल चौथे स्थान पर रहे.
सुखी को 1,58,445 मत मिले, जबकि अटवाल को 1,34,800 मत मिले. इस जीत के साथ आप ने जालंधर संसदीय क्षेत्र कांग्रेस से छीन लिया है. दलित समुदाय की अच्छी खासी आबादी वाली इस सीट को कांग्रेस का गढ़ माना जाता था.
जालंधर लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले नौ विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस के पांच विधायक हैं, जबकि आप के चार विधायक हैं. आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में संवाददाताओं से कहा, ‘‘इसे कांग्रेस पार्टी का गढ़ माना जाता था क्योंकि हम (पिछले साल विधानसभा चुनाव में आप की) लहर के दौरान नौ विधानसभा क्षेत्रों में से केवल चार पर जीत हासिल कर सके थे.''
उन्होंने कहा, ‘‘इस बार हमने नौ में से सात विधानसभा क्षेत्रों में जीत हासिल की है.''केजरीवाल ने यह भी कहा कि पिछले साल पंजाब विधानसभा चुनाव के दौरान आप ने 42 प्रतिशत वोट प्राप्त किया था, लेकिन जालंधर में पार्टी केवल 28 प्रतिशत वोट ही हासिल कर पाई थी.
निर्वाचन आयोग के आंकड़ों से पता चलता है कि आप ने जालंधर उपचुनाव में 34.05 प्रतिशत वोट हासिल किए, जबकि 2019 के लोकसभा चुनाव में उसे 2.5 प्रतिशत वोट मिले थे. कांग्रेस का वोट शेयर घटकर 27.44 प्रतिशत हो गया जो 2019 में 37.9 प्रतिशत था.
उपचुनाव में 19 उम्मीदवार मैदान में थे. इस सीट पर इस बार 54.7 प्रतिशत मतदान हुआ, जबकि 2019 के लोकसभा चुनाव में 63.04 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया था.
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