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This Article is From Oct 23, 2019

J&K के गवर्नर बोले- राज्यपाल दिल की बात भी नहीं कह सकता, प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद मैं तीन दिन तक आशंकित रहता हूं कि...

सत्यपाल मलिक ने उस बयान को दोहराया कि देश में धनी लोगों का एक तबका ‘सड़े हुए आलू’ की तरह है क्योंकि वे दान नहीं करते हैं और शिक्षा प्रणाली को बेहतर बनाने में मदद के लिए आगे नहीं आते है.

J&K के गवर्नर बोले- राज्यपाल दिल की बात भी नहीं कह सकता, प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद मैं तीन दिन तक आशंकित रहता हूं कि...
जम्मू कश्मीर (Jammu Kashmir) के राज्यपाल सत्यपाल मलिक.
जम्मू:

जम्मू कश्मीर (Jammu Kashmir) के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने मंगलवार को कहा कि देश में राज्यपाल की स्थिति बहुत ही कमजोर है क्योंकि उन्हें संवाददाता सम्मेलन आयोजित करने या अपने दिल की बात कहने तक का कोई अधिकार नहीं है. उन्होंने अपने उस बयान को दोहराया कि देश में धनी लोगों का एक तबका ‘सड़े हुए आलू' की तरह है क्योंकि वे दान नहीं करते हैं और शिक्षा प्रणाली को बेहतर बनाने में मदद के लिए आगे नहीं आते है. 

मलिक (Satyapal Malik) ने रियासी जिले के कटरा में माता वैष्णो देवी विश्वविद्यालय के सातवें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा, ‘राज्यपाल एक कमजोर इकाई है. उन्हें संवाददाता सम्मेलन आयोजित करने या अपने दिल की बात कहने का अधिकार नहीं होता है. मैं लगभग तीन दिनों तक आशंकित रहता हूं कि दिल्ली में मेरे शब्दों ने किसी को नाराज तो नहीं किया है.'

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छात्रों की ओर इशारा करते हुए, राज्यपाल ने कहा कि उन्हें बोलने के लिए उनसे ऊर्जा मिलती है. उन्होंने कहा कि देश में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का अभाव है और विश्वविद्यालयों और बुनियादी ढांचे के विकास के लिए जो पैसा चाहिए वह कहीं नहीं है. राज्यपाल ने कहा, ‘हमारे पास देश में संपन्न लोग हैं, जो (अपने बच्चों पर) 300 करोड़ रुपये खर्च कर रहे हैं, लेकिन बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए विश्वविद्यालयों की मदद के लिए एक पैसा भी देने के लिए आगे नहीं आयेंगे.'

उन्होंने कहा, ‘वे 14 मंजिला मकान में रह सकते हैं लेकिन देश के बच्चों की शिक्षा पर एक भी पैसा खर्च नहीं करेंगे. लोग उनका नाम सम्मान के साथ लेते है और राजनेता उनसे हाथ मिलाने के लिए दौड़ पड़ते है. मैं हालांकि उन लोगों को ‘सड़े हुए आलू' कहूंगा क्योंकि उनमें मानवता और देश के प्रति जिम्मेदारी का अभाव है.'

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उन्होंने अमीर और संपन्न लोगों से देश के शिक्षा क्षेत्र को सुधारने में मदद करने के लिए आगे आने का आग्रह किया. राज्य में शिक्षा प्रणाली में उनके प्रशासन के योगदान पर बात करते हुए उन्होंने कहा, ‘इस वर्ष हमें आठ मेडिकल कॉलेज मिले और मैं एक वादा करूंगा कि अगले वर्ष यहां एक चिकित्सा विश्वविद्यालय होगा.' उन्होंने कड़ी मेहनत करने के लिए कश्मीरी छात्रों की सराहना की.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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