रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर का फाइल फोटो...
पणजी:
रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने अपने बयान से पलटी मारते हुए शनिवार को कहा कि गोवा को पूर्ण रूप से नकद रहित राज्य बनाना न तो संभव है और न ही वांछित. रक्षा मंत्री ने कहा कि सरकार का लक्ष्य गोवा में 50 प्रतिशत हस्तांतरण नकदरहित बनाना है.
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, "जहां भी संभव हो डिजिटल हस्तान्तरण शुरू कीजिए. हम यथाशीघ्र इसे 15-20 प्रतिशत से 50 प्रतिशत तक ले जाना चाहते हैं. कई तरह की कठिनाइयां हैं, जिन्हें दूर किया जा रहा है."
गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री यहां सचिवालय में आयोजित एक सरकारी कार्यक्रम में बोल रहे थे. गत 27 नवम्बर को गोवा में एक रैली को संबोधित करते हुए पर्रिकर ने कहा था कि यह तटीय राज्य भारत का पहला नकदरहित राज्य बनेगा.
सरकार को इसलिए पुनर्विचार करने पर मजबूर होना पड़ा कि इस माह गोवा के व्यापारियों ने वाणिज्य कर विभाग के उस फैसले के खिलाफ प्रदर्शन किया, जिसमें उन्हें व्यापार को नकदरहित बनाने के लिए दस दिनों के भीतर पंजीकरण कराने को कहा गया था. बाद में भाजपा की प्रदेश इकाई ने सरकार से विवादास्पद परिपत्र वापस लेने को कहा था.
पर्रिकर ने कहा, "वाणिज्य कर विभाग का परिपत्र अनिवार्य नहीं है. हम कम नकद समाज को बढ़ावा दे रहे हैं. यद्यपि वास्तविक हस्तान्तरण के लिए अंग्रेजी शब्द 'कैशलेस' (नकदरहित) है. कार्ड, पेटीएम, ई-वॉलेट और अन्य मोबाइल एप के जरिए बड़े पैमाने पर हस्तान्तरण हो सकते हैं."
मंत्री ने कहा कि गोवा में विभिन्न मंचों पर करीब 26,000 लोगों को डिजिटल हस्तांतरण के बारे में जानकारी दी गई है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, "जहां भी संभव हो डिजिटल हस्तान्तरण शुरू कीजिए. हम यथाशीघ्र इसे 15-20 प्रतिशत से 50 प्रतिशत तक ले जाना चाहते हैं. कई तरह की कठिनाइयां हैं, जिन्हें दूर किया जा रहा है."
गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री यहां सचिवालय में आयोजित एक सरकारी कार्यक्रम में बोल रहे थे. गत 27 नवम्बर को गोवा में एक रैली को संबोधित करते हुए पर्रिकर ने कहा था कि यह तटीय राज्य भारत का पहला नकदरहित राज्य बनेगा.
सरकार को इसलिए पुनर्विचार करने पर मजबूर होना पड़ा कि इस माह गोवा के व्यापारियों ने वाणिज्य कर विभाग के उस फैसले के खिलाफ प्रदर्शन किया, जिसमें उन्हें व्यापार को नकदरहित बनाने के लिए दस दिनों के भीतर पंजीकरण कराने को कहा गया था. बाद में भाजपा की प्रदेश इकाई ने सरकार से विवादास्पद परिपत्र वापस लेने को कहा था.
पर्रिकर ने कहा, "वाणिज्य कर विभाग का परिपत्र अनिवार्य नहीं है. हम कम नकद समाज को बढ़ावा दे रहे हैं. यद्यपि वास्तविक हस्तान्तरण के लिए अंग्रेजी शब्द 'कैशलेस' (नकदरहित) है. कार्ड, पेटीएम, ई-वॉलेट और अन्य मोबाइल एप के जरिए बड़े पैमाने पर हस्तान्तरण हो सकते हैं."
मंत्री ने कहा कि गोवा में विभिन्न मंचों पर करीब 26,000 लोगों को डिजिटल हस्तांतरण के बारे में जानकारी दी गई है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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