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This Article is From Nov 23, 2013

इसरो द्वारा भगवान का आशीर्वाद लेना अंधविश्वास : राव

इसरो द्वारा भगवान का आशीर्वाद लेना अंधविश्वास : राव
बेंगलुरु:

देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ के लिए चयनित सीएनआर राव ने कहा कि हर अंतरिक्ष मिशन से पहले तिरुपति में भगवान बालाजी का अशीर्वाद लेने की भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की लंबे समय से चली आ रही परंपरा दरअसल अंधविश्वास है जिसमें उनका यकीन नहीं है।

राव से जब यह सवाल किया गया कि जब भी इसरो श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष केंद्र से कोई उपग्रह प्रक्षेपित करने जा रही होती है उससे पहले वह उस उपग्रह की प्रतिकृति आंध्र प्रदेश के तिरुमाला मंदिर में भगवान बालाजी के चरणों में रखती है तो क्या वह इसे अंधविश्वास मानते हैं, इस पर उन्होंने कहा, ‘हां’।

बेंगलुरु प्रेस क्लब की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में प्रख्यात वैज्ञानिक ने कहा, ‘इंसान डरा हुआ होता है। वह सोचता है कि यदि वह प्रार्थना करेगा, मन्नतें मांगेगा तो उसका काम सही से हो जाएगा।’ प्रधानमंत्री की वैज्ञानिक सलाहकार परिषद के अध्यक्ष राव ने कहा, ‘मैं अंधविश्वासी नहीं हूं। मैं ज्योतिष-शास्त्र में यकीन नहीं रखता। मैं किसी तरह के अंधविश्वास में यकीन नहीं रखता।’

इस बीच, राव ने कहा कि उनके बारे में एक ऐसी छवि बनी कि वह सूचना-प्रौद्योगिकी के खिलाफ हैं जबकि यह सही नहीं है। राव ने कहा कि बाकी क्षेत्रों को प्रतिभावान नौजवानों से वंचित नहीं रखा जाना चाहिए क्योंकि आजकल ज्यादातर नौजवान सूचना-प्रौद्योगिकी में ही करियर बना रहे हैं।

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