इस्राइल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गंगा नदी को साफ करने की प्रिय परियोजना, पानी शुद्धिकरण और गंदे पानी के ट्रीटमेंट में अपनी विशेषज्ञता भारत के साथ साझा करने का इच्छा जताई है।
केन्द्र ने प्रदूषण से प्रभावित गंगा को तीन साल में पुनर्जीवित करने की एक समेकित योजना 'नमामी गंगा' तैयार की है। इस्राइल के आर्थिक एवं व्यापार मिशन के प्रमुख योनातन बेन जाकेन ने बताया, 'हम पहले ही केन्द्रीय जल संसाधन मंत्री उमा भारती और संबंधित सचिवों के साथ कुछ बैठकें कर चुके हैं, हम इसमें शामिल होना चाहते हैं। हमने (परियोजना के लिए) अपने जानकारी, प्रौद्योगिकी और तकनीकी जानकारियों की पेशकश की है।'
'जल सुरक्षा और अनुपयुक्त पानी प्रबंधन' पर एक सेमिनार के मौके पर उन्होंने कहा कि इस्राइल को अनुपयुक्त जल ट्रीटमेंट, शुद्धिकरण तथा कृषि एवं उद्योग के लिए पानी के दोबारा इस्तेमाल के क्षेत्र में अपनी क्षमताओं और विशेषज्ञता के लिए जाना जाता है।
योनातन ने कहा, 'हम बातचीत की प्रक्रिया में हैं और हमारा मानना है कि नदी (गंगा) से औद्योगिक प्रदूषण को दूर करना पहली प्राथमिकता होनी चाहिए।'
गंगा पुनरोद्धार को एक जनांदोलन बनाने की आवश्यकता पर जोर देते हुए मोदी ने कल कहा था कि नमामी गंगा मिशन की पहली प्राथमिकता प्रदूषण के ताजा सृजन को रोकना होना चाहिए। मोदी इस मिशन की पहली उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।
कम से कम 11 इस्राइली कंपनियों ने इस सेमिनार में भाग लिया जो भारतीय और इस्राइली कंपनियों के बीच 'बिजनेस टू बिजनेस' (बीटूबी) मुलाकात वार्ता थी।
इन कंपनियों में एक्वाइज, बायोपेट्रोक्लीन, आमियाद, अयाला एक्वा और निस्को शामिल थीं।
आयोजन के लिए जिन 25 भारतीय कंपनियों को आमंत्रित किया गया था उनमें लार्सन एंड टुब्रो, पुंज लॉयड, आईवीआरसीएल, एस्सार, इजीनियर्स इंडिया लिमिटेड (ईआईएल), भारत हेवी इलेक्ट्रिक्स लिमिटेड (भेल) और नेशनल थर्मल पॉवर कॉर्पोरेशन (एनटीपीसी) शामिल थीं।
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