लखनऊ में संदिग्ध आतंकी के शव के पास मिला आईएसआईएस का झंडा
लखनऊ:
यूपी में आखिरी दौर के मतदान से ठीक पहले लखनऊ में 12 घंटे तक चली मुठभेड़ में एक संदिग्ध आतंकी को ज़िंदा पकड़ने की कोशिशें नाकाम रहीं. तड़के 3 बजे ठाकुरगंज के घर में घुसी एंटी टेरिस्ट स्कॉड ने एक आतंकी को ढेर कर दिया. एटीएस को अंदेशा था कि मुठभेड़ में 2 आतंकी होंगे लेकिन निकला एक ही. मारे गए संदिग्ध आतंकी का नाम सैफुल्ला है. वह आईएस से जुड़ा हुआ बताया गया है. जहां संदिग्ध आतंकी सैफुल्ला छिपा था वहां से भारी मात्रा में विस्फोटक सामग्री बरामद हुई है.जिसमें भारतीय रेलवे का टाइम टेबल, बम बनाने की सामग्री, कई पिस्टल और चाकू, भारतीय करेंसी और मोबाइल मिले हैं. इसके अलावा आतंकी संगठन आईएस का झंडा भी मिला है.
मंगलवार को ऑपरेशन करीब 3.30 बजे शुरू हुआ, जब ये खबरें आईं कि पुलिस और आतंकियों के बीच मुठभेड़ जारी है. शुरुआत में दो आतंकियों के होने की सूचना मिली थी. हालांकि करीब 6 बजे पुलिस ने यह कहा कि कुछ घंटों में मुठभेड़ खत्म हो जाएगी, जो तड़के 3 बजे तक चलती रही.
कुछ घंटों तक तो पुलिस यही कोशिश करती रही कि आतंकी सरेंडर कर दे. इसके लिए उसके भाई से बातचीत भी कराई गई. रिपोर्टों के मुताबिक- भाई ने उसे सरेंडर करने के लिए कहा, तो उसने जवाब दिया मैं नहीं करूंगा, मैं शहादत देना चाहता हूं.
एटीएस के वरिष्ठ अधिकारी असीम अरुण ने आज कहा कि हमने उसे बाहर निकालने के लिए मिर्ची बम का भी इस्तेमाल किया, लेकिन यह फायदेमंद साबित नहीं हुआ. आतंकी के शव के पास से 8 पिस्तौल, 650 राउंड गोलियां, विस्फोटक, सोना, कैश, पासपोर्ट, सिम कार्ड्स और ट्रेनों के टाइम टेबल मिले हैं. खतरे गंभीर थे मगर हम इसे टालना चाहते थे. हम उसे जिंदा पकड़ना चाहते थे ताकि उससे और अधिक जानकारी निकाल सकें. लेकिन हमारे पास कोई विकल्प नहीं था. मारा गया आतंकी आईएसआईएस के खुरसान मॉड्यूल से संबंधित था और उसका एक सक्रिय सदस्य था. यह विषय जांच का है.
पुलिस की शुरुआत में लगा था कि घर में दो आतंकी छिपे हैं. सुरक्षाबलों ने छत में ड्रिल से छेद करके घर में घुसे थे. अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) दलजीत चौधरी ने बताया, 'अंधेरा होने की वजह से उन्हें शंका थी कि घर में दो आतंकी हो सकते हैं, लेकिन पुलिस को एक ही शव मिला है...'
पुलिस का कहना है कि सैफुल्ला का भोपाल-उज्जैन पैसेंजर ट्रेन ब्लास्ट में हाथ हो सकता है, जिसमें 9 लोग घायल हुए थे. सीसीटीवी फुटेज के आधार पर पुलिस ने संदिग्धों की पहचान भी की है. जिसमें से दो को कानपुर में और एक को इटावा में गिरफ्तार किया गया है. साथ ही तीन लोगों को मध्य प्रदेश में गिरफ्तार किया गया है.
मंगलवार को ऑपरेशन करीब 3.30 बजे शुरू हुआ, जब ये खबरें आईं कि पुलिस और आतंकियों के बीच मुठभेड़ जारी है. शुरुआत में दो आतंकियों के होने की सूचना मिली थी. हालांकि करीब 6 बजे पुलिस ने यह कहा कि कुछ घंटों में मुठभेड़ खत्म हो जाएगी, जो तड़के 3 बजे तक चलती रही.
कुछ घंटों तक तो पुलिस यही कोशिश करती रही कि आतंकी सरेंडर कर दे. इसके लिए उसके भाई से बातचीत भी कराई गई. रिपोर्टों के मुताबिक- भाई ने उसे सरेंडर करने के लिए कहा, तो उसने जवाब दिया मैं नहीं करूंगा, मैं शहादत देना चाहता हूं.
एटीएस के वरिष्ठ अधिकारी असीम अरुण ने आज कहा कि हमने उसे बाहर निकालने के लिए मिर्ची बम का भी इस्तेमाल किया, लेकिन यह फायदेमंद साबित नहीं हुआ. आतंकी के शव के पास से 8 पिस्तौल, 650 राउंड गोलियां, विस्फोटक, सोना, कैश, पासपोर्ट, सिम कार्ड्स और ट्रेनों के टाइम टेबल मिले हैं. खतरे गंभीर थे मगर हम इसे टालना चाहते थे. हम उसे जिंदा पकड़ना चाहते थे ताकि उससे और अधिक जानकारी निकाल सकें. लेकिन हमारे पास कोई विकल्प नहीं था. मारा गया आतंकी आईएसआईएस के खुरसान मॉड्यूल से संबंधित था और उसका एक सक्रिय सदस्य था. यह विषय जांच का है.
पुलिस की शुरुआत में लगा था कि घर में दो आतंकी छिपे हैं. सुरक्षाबलों ने छत में ड्रिल से छेद करके घर में घुसे थे. अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) दलजीत चौधरी ने बताया, 'अंधेरा होने की वजह से उन्हें शंका थी कि घर में दो आतंकी हो सकते हैं, लेकिन पुलिस को एक ही शव मिला है...'
पुलिस का कहना है कि सैफुल्ला का भोपाल-उज्जैन पैसेंजर ट्रेन ब्लास्ट में हाथ हो सकता है, जिसमें 9 लोग घायल हुए थे. सीसीटीवी फुटेज के आधार पर पुलिस ने संदिग्धों की पहचान भी की है. जिसमें से दो को कानपुर में और एक को इटावा में गिरफ्तार किया गया है. साथ ही तीन लोगों को मध्य प्रदेश में गिरफ्तार किया गया है.
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