इशरत जहां कथित फर्जी मुठभेड़ मामले में सीबीआई अदालत ने पूर्व पुलिस अधिकारियों डीजी वंजारा और एनके अमीन को आरोपमुक्त कर दिया है. सीबीआई की विशेष अदालत में सेवानिवृत्त पुलिस अफसरों डीजी वंजारा और एन के अमीन ने अपने खिलाफ मामले की सुनवाई बंद करने का अनुरोध की याचिका दाखिल की थी. गुजरात सरकार ने उनके खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी नहीं दी थी. अदालत ने 16 अप्रैल को इस मामले की सुनवाई पूरी कर ली थी और आदेश सुनाने के लिए सोमवार का दिन तय किया था.
इशरत जहां के कथित मुठभेड़ मामले में दोनों सेवानिवृत्त अधिकारी आरोपी थे. उन्होंने अदालत से अनुरोध किया था कि राज्य सरकार ने उनके खिलाफ अभियोजन चलाने की सीबीआई को मंजूरी नहीं दी है, जो सीआरपीसी की धारा 197 के तहत जरूरी है. लिहाजा उनके खिलाफ मामले की सुनवाई को बंद किया जा सकता है. सीआरपीसी की धारा 197 के तहत ड्यूटी के दौरान की गई कार्रवाई के लिए लोक सेवक पर मुकदमा चलाने के लिए सरकार की मंजूरी लेना जरूरी है. अदालत ने पहले इसी मामले में आरोप मुक्त करने का अनुरोध करने वाली उनकी अर्जियों को खारिज कर दिया था.
इशरत जहां की मां शमीमा कौसर ने अपनी याचिका में कहा था कि सीआरपीसी की धारा 197 के तहत लोक सेवक पर मुकदमा चलाने के लिये मंजूरी की जरूरत होती है लेकिन यह इस मामले पर लागू नहीं होता है क्योंकि यह अपहरण, कैद में रखने और हत्या का मामला है, जो लोक सेवक की आधिकारिक ड्यूटी के दायरे में नहीं आता है.
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