पीएम मोदी और राष्ट्रपति कोविंद से मिले ईरानी राष्ट्रपति हसन रूहानी
नई दिल्ली:
तीन दिन के भारत दौरे पर आए ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी आज राष्ट्रपति भवन पहुंचे, जहां उन्होंने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की. पीएम मोदी और राष्ट्रपति कोविंद से मुलाकात के बाद ईरानी राष्ट्रपति
राजघाट पहुंचे. रूहानी ने यहां राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की समाधि पर पुष्पाजंलि अर्पित की. इस मुलाकात में रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण चाबहार पोर्ट पर फैसला हो सकता है. पीएम मोदी से मुलाकात से पहले उन्हें राष्ट्रपति भवन में उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया जाएगा. रूहानी आज व्यापारियों से भी मुलाकात करेंगे. राष्ट्रपति हसन रूहानी बाद में ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन को संबोधित करेंगे. अगस्त 2013 में कार्यभारत संभालने के बाद ईरान के सातवें राष्ट्रपति की यह पहली भारत यात्रा है. भारत और ईरान के बीच मजबूत आर्थिक और वाणिज्यिक संबंध है. पीएम मोदी की वर्ष 2016 में ईरान यात्रा के दौरान करीब एक दर्जन से अधिक समझौते पर हस्ताक्षर किये गये थे. शुक्रवार को रूहानी ने हैदराबाद में मक्का मस्जिद में जुमे की नमाज़ के लिए जुटे लोगों को संबोधित किया, उन्होंने कहा कि लोगों को पंथ के आधार पर होने वाले मतभेदों से ऊपर उठना चाहिए.
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उन्होंने दुनियाभर के मुस्लिम समुदाय से एकजुट होने का आह्वान करते हुए कहा था कि अगर वे एकजुट रहें तो अमेरिका कभी यरूशलम को इस्राइल की राजधानी के तौर पर घोषित करने की हिम्मत नहीं दिखायेगा. रूहानी ने कहा था कि जो लोग यह सोचते हैं कि इस्लाम ‘‘हिंसा एवं आतंकवाद’’ का धर्म है, उनका आकलन गलत है. ईरान ने तेल एवं प्राकृतिक गैस के अपने विशाल संसाधनों को भारत के साथ साझा करने तथा द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए वीजा नियमों में ढील देने की इच्छा जताई है.
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उन्होंने कहा था कि खाड़ी देश में चाबहार बंदरगाह भारत के लिए (पाकिस्तान से गुजरे बिना) ईरान और अफगानिस्तान, मध्य एशियाई देशों तथा यूरोप तक ट्रांजिट मार्ग खोलेगा. करार के तहत दक्षिण-पूर्वी ईरान में चाबहार बंदरगाह को तैयार करने के लिए भारत को 8.5 करोड़ डालर का निवेश करना है.
VIDEO: भारत और ईरान के बीच हुए 12 करार
हसन रूहानी ने कहा था, ‘‘ईरान के पास प्रचुर मात्रा में तेल एवं गैस संसाधन हैं और वह इन्हें भारत की प्रगति तथा इसके लोगों की समृद्धि के लिए उसके साथ साझा करने की इच्छा रखता है.”
(इनपुट भाषा से)
राजघाट पहुंचे. रूहानी ने यहां राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की समाधि पर पुष्पाजंलि अर्पित की. इस मुलाकात में रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण चाबहार पोर्ट पर फैसला हो सकता है. पीएम मोदी से मुलाकात से पहले उन्हें राष्ट्रपति भवन में उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया जाएगा. रूहानी आज व्यापारियों से भी मुलाकात करेंगे. राष्ट्रपति हसन रूहानी बाद में ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन को संबोधित करेंगे. अगस्त 2013 में कार्यभारत संभालने के बाद ईरान के सातवें राष्ट्रपति की यह पहली भारत यात्रा है. भारत और ईरान के बीच मजबूत आर्थिक और वाणिज्यिक संबंध है. पीएम मोदी की वर्ष 2016 में ईरान यात्रा के दौरान करीब एक दर्जन से अधिक समझौते पर हस्ताक्षर किये गये थे. शुक्रवार को रूहानी ने हैदराबाद में मक्का मस्जिद में जुमे की नमाज़ के लिए जुटे लोगों को संबोधित किया, उन्होंने कहा कि लोगों को पंथ के आधार पर होने वाले मतभेदों से ऊपर उठना चाहिए.
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उन्होंने दुनियाभर के मुस्लिम समुदाय से एकजुट होने का आह्वान करते हुए कहा था कि अगर वे एकजुट रहें तो अमेरिका कभी यरूशलम को इस्राइल की राजधानी के तौर पर घोषित करने की हिम्मत नहीं दिखायेगा. रूहानी ने कहा था कि जो लोग यह सोचते हैं कि इस्लाम ‘‘हिंसा एवं आतंकवाद’’ का धर्म है, उनका आकलन गलत है. ईरान ने तेल एवं प्राकृतिक गैस के अपने विशाल संसाधनों को भारत के साथ साझा करने तथा द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए वीजा नियमों में ढील देने की इच्छा जताई है.
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उन्होंने कहा था कि खाड़ी देश में चाबहार बंदरगाह भारत के लिए (पाकिस्तान से गुजरे बिना) ईरान और अफगानिस्तान, मध्य एशियाई देशों तथा यूरोप तक ट्रांजिट मार्ग खोलेगा. करार के तहत दक्षिण-पूर्वी ईरान में चाबहार बंदरगाह को तैयार करने के लिए भारत को 8.5 करोड़ डालर का निवेश करना है.
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हसन रूहानी ने कहा था, ‘‘ईरान के पास प्रचुर मात्रा में तेल एवं गैस संसाधन हैं और वह इन्हें भारत की प्रगति तथा इसके लोगों की समृद्धि के लिए उसके साथ साझा करने की इच्छा रखता है.”
(इनपुट भाषा से)
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