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This Article is From Sep 12, 2019

INX Media Case: पी चिदंबरम ने दिल्ली हाईकोर्ट से लगाई जमानत की गुहार, दी यह दलील

आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार मामले (INX Media Case) में तिहाड़ जेल में कैद पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम (P Chidambaram) ने बुधवार को दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) का रुख किया.

INX Media Case: पी चिदंबरम ने दिल्ली हाईकोर्ट से लगाई जमानत की गुहार, दी यह दलील
पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम (P Chidambaram) तिहाड़ जेल में बंद हैं.
नई दिल्ली:

आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार मामले (INX Media Case) में तिहाड़ जेल में कैद पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम (P Chidambaram) ने बुधवार को दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) का रुख किया. उन्होंने दावा किया है कि उनके खिलाफ आपराधिक कार्रवाई 'दुर्भावनापूर्ण' है और 'राजनीतिक प्रतिशोध' को लेकर की गई है. चिदंबरम ने उच्च न्यायालय में एक और याचिका दायर कर पांच सितंबर के निचली अदालत के उस आदेश को चुनौती दी है, जिसके तहत उन्हें मामले में 19 सितंबर तक 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया था. राज्यसभा सदस्य चिदंबरम ने इस आदेश को पूरी तरह से 'बिना कोई कारण का' बताया है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता की दोनों याचिकाएं न्यायमूर्ति सुरेश कैत के समक्ष सुनवाई के लिए गुरुवार के लिए सूचीबद्ध की गई है.

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चिदंबरम (73) को सीबीआई ने 21 अगस्त को उनके जोरबाग स्थित आवास से गिरफ्तार किया था. उन्होंने निचली अदालत का रुख नहीं किया और नियमित जमानत के लिए सीधे उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है. पूर्व केंद्रीय मंत्री ने यह कहते हुए जमानत का अनुरोध किया है कि वह कानून का पालन करने वाले नागरिक हैं. समाज से वह गहरा ताल्लुक रखते हैं और वह उन्हें राहत दिए जाने के दौरान उच्च न्यायालय द्वारा लगाई जाने वाली सभी शर्तों का पालन करेंगे. यह याचिका अधिवक्ता अर्शदीप सिंह के मार्फत दायर की गई है. इसमें कहा गया है, 'जाहिर है कि यह मामला प्रमाणों से संबंधित है. साथ ही, याचिकाकर्ता एक सम्मानीय नागरिक और पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री एवं पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री हैं. याचिकाकर्ता मौजूदा सरकार या निचली अदालत के सुरक्षित कब्जे में रखे इस मामले के साक्ष्यों से छेड़छाड़ नहीं कर सकते और ना ही ऐसा करेंगे.' 

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चिदंबरम ने कहा, 'उनके खिलाफ आपराधिक कार्यवाही दुर्भावनापूर्ण है और यह राजनीतिक प्रतिशोध को लेकर की गई. साथ  ही, जांच एजेंसी केंद्र सरकार के इशारे पर काम कर रही है जो उनकी बेदाग छवि को धूमिल और तार-तार करना चाहती है.' उन्होंने कहा कि निचली अदालत के न्यायिक हिरासत के आदेश को गौर से पढ़ने पर यह प्रदर्शित होता है कि यह उसी तरह से जारी किया जैसे सामान्यतया किया जाता है और इस बारे में ध्यान नहीं रखा गया कि इसमें व्यक्ति की स्वतंत्रता शामिल है.

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उन्होंने कहा, 'रिकार्ड में मौजूद विषय वस्तु से यह जाहिर होता है कि जांच जनवरी 2019 में ही पूरी हो गई, जब उनके खिलाफ मंजूरी मांगी गई थी.' याचिका में कहा गया है, 'चिदंबरम सीबीआई/पुलिस हिरासत की अधिकतम इजाजत अवधि में 15 दिनों तक रह चुके हैं.' चिंदबरम ने जमानत का अनुरोध करते हुए कहा है कि उन्होंने जांच में सहयोग किया है और भविष्य में भी ऐसा करना जारी रखेंगे तथा जांच एजेंसी या निचली अदालत के बुलाने पर सहयोग करेंगे. 

VIDEO: पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम भेजे गए तिहाड़ जेल

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