आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत की फाइल फोटो
मुंबई:
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि भारत ने विविधता को अपनाया है और भारतीय जब विदेश जाते हैं तब उन सभी को हिंदू के नाम से जाना जाता है। उन्होंने कहा, 'हम सभी हिंदू हैं। देश में विविधता है, लेकिन जब हम भारत से बाहर जाते हैं, लोग (वहां) हमें हिंदू कह कर पुकारते हैं।'
मोहन भागवत ने उत्तर महाराष्ट्र के आदिवासी बहुल नंदूरबार जिले में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, 'दुनिया में आज ऐसा कोई देश नहीं है, जिसकी बुनियादी सोच यह हो कि सभी लोग उसके अपने हैं। भारत एकमात्र ऐसा देश है जो ऐसा सोचता है।' उन्होंने कहा, 'हमारी संस्कृति की जड़ें घाटियों, वनों और कृषि में है। जब तक भगवान राम अयोध्या के महल में थे, उनके पास रावण को मारने की शक्ति नहीं थी। राम ने जंगलों और घाटियों में घूम कर जो शक्तियां पाई उससे रावण मारा गया।'
आरएसएस प्रमुख ने भारत की धार्मिक विविधता के बारे में कहा कि यहां सभी धर्म स्वीकार्य हैं। उन्होंने कहा, 'हम एक ऐसे देश के वासी हैं, जहां हम विभिन्न रूपों में ईश्वर की आराधना करते हैं। हिंदू वह है जो उस ईश्वर को पहचानता है। हम एक दूसरे के मतभेदों का सम्मान करते हैं।'
मोहन भागवत ने उत्तर महाराष्ट्र के आदिवासी बहुल नंदूरबार जिले में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, 'दुनिया में आज ऐसा कोई देश नहीं है, जिसकी बुनियादी सोच यह हो कि सभी लोग उसके अपने हैं। भारत एकमात्र ऐसा देश है जो ऐसा सोचता है।' उन्होंने कहा, 'हमारी संस्कृति की जड़ें घाटियों, वनों और कृषि में है। जब तक भगवान राम अयोध्या के महल में थे, उनके पास रावण को मारने की शक्ति नहीं थी। राम ने जंगलों और घाटियों में घूम कर जो शक्तियां पाई उससे रावण मारा गया।'
आरएसएस प्रमुख ने भारत की धार्मिक विविधता के बारे में कहा कि यहां सभी धर्म स्वीकार्य हैं। उन्होंने कहा, 'हम एक ऐसे देश के वासी हैं, जहां हम विभिन्न रूपों में ईश्वर की आराधना करते हैं। हिंदू वह है जो उस ईश्वर को पहचानता है। हम एक दूसरे के मतभेदों का सम्मान करते हैं।'
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