प्रतीकात्मक फोटो
नई दिल्ली:
भारतीय रेल में चलती गाड़ियों में पिछले साढ़े तीन वर्षों में यात्रियों के सामान की चोरी की 55,369 तथा लूटपाट एवं डकैती के 1570 घटनाएं घटी हैं. रेल मंत्रालय द्वारा राजकीय रेल पुलिस स्टेशनों से प्राप्त आंकड़ों के आधार पर तैयार ब्यौरे के अनुसार, वर्ष 2018 में जून माह तक ट्रेनों में यात्री सामान की चोरी के 9222 मामले दर्ज किये गए जबकि लूटपाट एवं डकैती की 159 घटनाएं घटीं. इस अवधि में जहरखुरानी के 89 मामले दर्ज किये गए. ऐसे अपराधों के संदर्भ में 1378 लोगों को हिरासत में लिया गया. भारतीय रेल में वर्ष 2017 में यात्रियों के सामान की चोरी के 18,936 मामले और लूटपाट एवं डकैती के 415 मामले दर्ज किये गए. देशभर में भारतीय रेल में डकैती के 27 मामले और जहरखुरानी के 155 मामले दर्ज किये गए. ऐसे अपराधों के संदर्भ में 3898 लोगों को हिरासत में लिया गया.
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यात्रियों के सामान की चोरी की सर्वाधिक घटनाएं मध्य रेलवे में हुईं जहां ऐसे 3907 मामले दर्ज किये गए, जबकि पश्चिम मध्य रेलवे में ऐसी 2844 घटनाएं, उत्तर रेलवे में 2480 घटनाएं और दक्षिण मध्य रेलवे में 2093 घटनाएं दर्ज की गई. लूटपाट की सर्वाधिक घटनाएं उत्तर रेलवे में सामने आई जहां ऐसे 81 मामले दर्ज किये गए जबकि पश्चिम मध्य रेलवे में 68 घटनाएं तथा मध्य रेलवे में 54 घटनाएं दर्ज की गई. वर्ष 2016 में ट्रेनों में यात्रियों के सामान की चोरी की 14,619 घटनाएं घटीं जबकि लूटपाट एवं डकैती के 441 मामले दर्ज किये गए. इस अवधि में जहरखुरानी के 218 मामले दर्ज किये गए. इन अपराधों के संबंध में 3331 लोगों को हिरासत में लिया गया. रेल मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, वर्ष 2015 में ट्रेनों में यात्रियों के सामान की चोरी की 12,592 घटनाएं घटी जबकि लूटपाट एवं डकैती के 555 मामले दर्ज किये गए.
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इस अवधि में जहरखुरानी के 284 मामले दर्ज किये गए. अपराधों के सिलसिले में 3151 लोगों को हिरासत में लिया गया. भारतीय रेलों में डकैती, लूटपाट और जहरखुरानी की घटनाओं में वर्ष 2016 की तुलना में साल 2017 में मामूली कमी दर्ज की गई है. हालांकि यात्रियों के सामान की चोरी के मामलों में कुछ वृद्धि हुई है. रेल मंत्रालय के अधिकारियों ने ट्रेनों में अपराध की घटनाओं के बारे में पूछे जाने पर कहा कि चिन्हित मार्गों एवं खंडों पर विभिन्न राज्यों की राजकीय पुलिस द्वारा 2200 गाड़ियों के मार्गरक्षण तथा रेल सुरक्षा बल द्वारा औसतन 2500 गाड़ियों की निगरानी की जाती है. यात्रियों की संरक्षा और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिये भारतीय रेल के लगभग 394 स्टेशनों पर सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की जाती है.
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उन्होंने बताया कि विपत्ति के समय यात्रियों को सुरक्षा संबंधी सहायता प्रदान करने के लिये सुरक्षा हेल्पलाइन नंबर '182' कार्य कर रहा है. इसके अलावा, 202 रेलवे स्टेशनों पर निगरानी तंत्र में सुधार लाने के लिये क्लोज सर्किट टेलीविजन कैमरा नेटवर्क आदि के जरिये एकीकृत सुरक्षा प्रणाली स्वीकृत की गई है.
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उन्होंने बताया कि विपत्ति के समय यात्रियों को सुरक्षा संबंधी सहायता प्रदान करने के लिये सुरक्षा हेल्पलाइन नंबर '182' कार्य कर रहा है. इसके अलावा, 202 रेलवे स्टेशनों पर निगरानी तंत्र में सुधार लाने के लिये क्लोज सर्किट टेलीविजन कैमरा नेटवर्क आदि के जरिये एकीकृत सुरक्षा प्रणाली स्वीकृत की गई है.
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