अहमदाबाद विमान हादसे में बचा यात्री.
अहमदाबाद में हुए प्लेन क्रैश हादसे (Ahmedabad Plane Crash) में 265 जिंदगियां एक झटके में खत्म हो गईं. हादसा इतना भयावह था कि देखकर ही लगा था कि किसी का भी बचना असंभव सा है. लेकिन कहते हैं ना कि जाको राखे साइयां, मार सके न कोय... इस हादसे में रमेश नाम के यात्री के जिंदा बचने (Ahmedabad Plane Crash Survivor) से ये कहावत बिल्कुल यही साबित हुई है. अहमदाबाद में एयर इंडिया विमान हादसे में भारतीय मूल का एक ब्रिटिश नागरिक जिंदा बच गया है. हालांकि चोट लगने की वजह से वह अस्पताल में भर्ती है. अहमदाबाद के पुलिस कमिश्नर जीएस मलिक ने न्यूज एजेंसी एएनआई को बताया कि जिंदा बचा शख्स फ्लाइट में सीट नंबर 11ए पर मिला. उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
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अहमदाबाद प्लेन क्रैश: सिविल अस्पताल में अब तक करीब 160 से ज्यादा DNA सैंपल लिए गए, देखिए रिपोर्ट#Ahmedabad | #PlaneCrash | @manogyaloiwal pic.twitter.com/xp3dBdvX0b
— NDTV India (@ndtvindia) June 12, 2025
प्लेन क्रैश में जिंदा बचे रमेश, सीने पर चोट
ब्रिटिश नागरिक विश्वाश कुमार रमेश अपने भाई अजय कुमार राकेश के साथ एयर इंडिया की फ्लाइ से ब्रिटेन लौट रहे थे. वह बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर के भीतर एक अलग लाइन में थे. रमेश ने एचटी अखबार से खास बातचीत में उस भयावह मंजर को बयां किया. उन्होंने बताया कि उड़ान भरने के करीब 30 सेकंड बाद अचानक तेज आवाज आई और विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया. यह सब बहुत जल्दी हो गया. इस हादसे में उनके सीने पर चोट आई है. रमेश तो बच गए लेकिन उनके भाई का अब तक पता नहीं चल सका है. उन्होंने भाई अजय को खोजने की अपील की है.

जले हुए प्लेन से कैसे आए बाहर, नहीं पता
रमेश के रिश्तेदारों के मुताबिक, उनको ये बात नहीं पता कि इस भयावह हादसे में जले हुए विमान से वह जिंदा कैसे बच गए. यह अनुभव उनके लिए किसी सदमे से कम नहीं है. रमेश के भाई नयन कुमार ने कहा कि जैसे ही उनको हादसे के बारे में पता चला वह चौंक गए. रमेश ने बताया कि वह विमान से बाहर कैसे निकले उनको नहीं पता.
बता दें कि एयर इंडिया का विमान 242 यात्रियों को लेकर लंदन जा रहा था. उड़ान भरने के 32 सेकंड बाद ही यह एक मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों के हॉस्टल से जा टकराया और दुर्घटनाग्रस्त हो गया. हॉस्टल में कमीब 5 लोगों की मौत की जानकारी सामने आई है, अधिकारियों का कहना है कि हताहतों की संख्या बढ़ सकती है.
प्लेन में इतना फ्यूल था कि आग से बचना मुमकिन नहीं था
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बताया कि फ्लाइट में 1 लाख लीटर एविएशन टर्बाइन ईंधन भरा हुआ था. आग इतनी भीषण थी कि बचाव करना मुश्किल था. फ्लाइट की कमान कैप्टन सुमीत सभरवाल के पास थी, उनके साथ फर्स्ट ऑफिसर क्लाइव कुंदर थे. सभरवाल को 8,200 घंटे और उनके को-पायलट को 1,100 घंटे की उड़ान का अनुभव था.
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