भारतीय नौसेना ने फारस की खाड़ी में अपना एक जंगी जहाज तैनात किया है। भारत सरकार का मकसद इराक में फंसे भारतीयों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है।
नौसेना के सूत्रों ने बताया कि आईएनएस मैसूर को फारस की खाड़ी में तैनात किया गया है, क्योंकि कल सरकार ने संकट प्रबंधन समूह की बैठक के बाद जरूरत की स्थिति में इसे उपयोग के लिए तैनात रखने को कहा था। उन्होंने बताया कि युद्धपोत को वहां तैनात रखने और अगले निर्देशों की प्रतीक्षा करने को कहा गया है।
सूत्रों ने बताया कि नौसेना ने एक और जंगी जहाज आईएनएस तरकश को अदन की खाड़ी में तैनात किया है और अगर जरूरत पड़ी तो दोनों जहाजों को लोगों को निकालने के अभियान में इस्तेमाल किया जाएगा।
इससे पहले शुक्रवार को कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक में इराक से भारतीयों को निकालने के विकल्पों पर चर्चा हुई। सूत्रों ने बताया कि भारतीय वायु सेना ने भी जरूरत की स्थिति में अपने विमान को तैनात रखा है। लोगों को निकालने के अभियान के लिए निर्देश मिलने पर तुरंत कार्यवाही के लिए यह अपने सी17 और सी130 जे सुपर हर्कूलस विमान को तैनात कर सकती है। इराक से भारत अब तक अपने करीब 36 नागरिकों को निकाल चुका है। इन लोगों ने भारत लौटने की इच्छा जताई थी।
इराक के विभिन्न हिस्सों में करीब 10 हजार भारतीय रहे रहे हैं, लेकिन ऐसा नहीं है कि इराक सरकार और सुन्नी आतंकी संगठन आईएसआईएस के बीच चल रही लड़ाई में उन सभी को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
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