दिल्ली में बढ़ती ठंड के साथ शीतलहर का कहर, जानें बाकी जगहों पर कैसा रहेगा मौसम?

दिल्ली-एनसीआर समेत पूरे उत्तर भारत में कड़ाके की ठंड पड़ रही है. मौसम विभाग की जानकारी के मुताबिक आज से दिल्ली में दो दिन तक शीतलहर चलने वाली है.

दिल्ली में बढ़ती ठंड के साथ शीतलहर का कहर, जानें बाकी जगहों पर कैसा रहेगा मौसम?

दिल्ली में और बढ़ेगा ठंड का सितम

नई दिल्ली:

दिसंबर के महीना अब खत्म होने को है, ऐसे में ठंड ने भी अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है. यही वजह है कि अब दिल्ली-एनसीआर समेत पूरे उत्तर भारत में कड़ाके की ठंड पड़ रही है. मौसम विभाग की जानकारी के मुताबिक आज से दिल्ली में दो दिन तक शीतलहर चलने वाली है. साथ ही घना कोहरा रहने की भी संभावना जताई गई है. आज दिल्ली में न्यूनतम तापमान 4 डिग्री और अधिकतम तापमान 19 डिग्री दर्ज किया जा सकता है. 

इसके साथ ही दिल्ली के नजदीकी राज्य पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में कोल्ड डे से लेकर गंभीर कोल्ड डे की स्थिति बनी हुई है. यूपी के कई शहरों में भी अब ठिठुरन बढ़ गई. आने वाले दिनों में राहत मिलने की कोई गुंजाइश नहीं है. मौसम विभाग के मुताबिक, यूपी के अधिकांश जिलों में आज भी ठंडी हवाएं भी चल सकती हैं. देर शाम तापमान में भारी गिरावट देखी जा सकती है, जिससे रात में ठंड बढ़ना तय माना जा रहा है. दोपहर में भी धूप कम निकलने की संभावना है. सोमवार तक आसमान में बादल छाए रह सकते हैं. 

पंजाब और हरियाणा में शनिवार को कड़ाके की ठंड पड़ी और केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ इस मौसम के सबसे कम तापमान 2.8 डिग्री सेल्सियस के साथ क्षेत्र का सर्वाधिक सर्द स्थान रहा. इन दोनों राज्यों में भी ठंड का सितम अब और बढ़ेगा. कश्मीर में कड़ाके की ठंड बढ़ती जा रही है और घाटी के अधिकांश स्थानों पर न्यूनतम तापमान में गिरावट दर्ज की गई है.  हालांकि, मौसम विभाग ने सोमवार से कुछ दिनों तक ठंड और शुष्क मौसम से राहत मिलने का अनुमान जताया है.

26-30 दिसंबर के बीच आमतौर पर बादल छाए रहने की संभावना है, साथ ही ऊंचे स्थानों पर हल्की से मध्यम बर्फबारी की संभावना है. मौसम विभाग के कार्यालय ने कहा कि न्यूनतम तापमान में मामूली सुधार होगा, जिससे 26-31 दिसंबर तक ठंड और शुष्क मौसम से कुछ राहत मिलेगी. कश्मीर वर्तमान में ‘चिल्लई-कलां' की चपेट में है. 40 दिनों की कड़ाके की सर्दियों की अवधि के दौरान क्षेत्र में शीत लहर रहती है और तापमान में काफी गिरावट आती है.

इससे घाटी के कई हिस्सों में जलस्त्रोतों के साथ-साथ पाइप लाइन भी जम जाती हैं. इस अवधि के दौरान बर्फबारी की संभावना सबसे अधिक और अधिकतम होती है. अधिकांश क्षेत्रों, विशेष रूप से ऊंचाई वाले क्षेत्रों में भारी बर्फबारी होती है.‘चिल्लई-कलां' 21 दिसंबर से शुरू होती है और 30 जनवरी को समाप्त होती है. इसके बाद भी 20 दिनों तक ‘चिल्लई-खुर्द' (छोटी ठंड) और 10 दिनों की अवधि तक ‘चिल्लई-बच्चा' रहता है.

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