
- भारत का वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि ट्रेड एग्रीमेंट तभी मानेंगे जब वह देश के हित में होगा.
- अमेरिका के साथ व्यापार वार्ता वाशिंगटन में पांचवें दौर की पूरी हुई जिसमें दोनों पक्ष सक्रिय रूप से शामिल रहे.
- भारत की प्राथमिकता घरेलू उद्योग को मजबूत करना है ताकि आयात की भरपाई उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादन से हो सके.
भारत के वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने एक बार फिर अमेरिका के साथ होने वाले ट्रेड एग्रीमेंट को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने शनिवार को दोहराया है कि भारत किसी अंतरराष्ट्रीय समझौते के लिए तभी राजी होगा जब वह देश के हितों के अनुरूप होगा. पीयूष गोयल एक बार भी पहले भी इसी तरह का बयान दे चुके हैं. एसोचैम की तरफ से आयोजित एक कार्यक्रम में मीडिया को संबोधित करते हुए उन्होंने यह बात कही.
तो फिर नहीं होगी यह डील
पीयूष गोयल ने कहा कि अगर भारत को अच्छी ट्रेड डील मिलती है तो फिर वह इस पर आगे बढ़ेगा. गोयल ने कहा कि अमेरिका के साथ बातचीत जारी है. उन्होंने यह भी कहा कि ट्रेड डील तभी कोई रूप लेगी जब यह देश के व्यापक हितों में होगी. उन्होंने जोर देकर कहा, 'अगर ऐसा नहीं होता है तो हम यह नहीं करेंगे. भारत हमेशा देश के हित को सर्वोपरि रखता है.' भारत और अमेरिका की टीमों ने इस हफ्ते वाशिंगटन में द्विपक्षीय व्यापार समझौते (बीटीए) के लिए पांचवें दौर की वार्ता पूरी कर ली है. यह बातचीत वाशिंगटन डीसी में चार दिनों तक चली. भारत के मुख्य वार्ताकार और वाणिज्य विभाग में विशेष सचिव राजेश अग्रवाल अमेरिका गई भारतीय टीम को नेतृत्व कर रहे हैं.
भारत में घरेलू मांग ज्यादा
पीयूष गोयल ने कहा कि भारत में घरेलू मांग बहुत ज्यादा है. उनके शब्दों में, 'हमारे देश में आयात आ रहा है जिसकी भरपाई उच्च-गुणवत्ता वाले उत्पादन के लिए घरेलू उद्योग को विकसित करके की जा सकती है.' इस कार्यक्रम के दौरान उद्योग जगत के दिग्गजों और उद्यमियों को संबोधित करते हुए, मंत्री ने सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (MSME) क्षेत्र में मानसिकता में बदलाव के महत्व पर जोर दिया. उन्होंने सामूहिक विकास और छोटी व बड़ी कंपनियों के बीच आपसी सहयोग की ओर बदलाव की अपील की है.
भारत और अमेरिका के बीच 14 से 17 जुलाई तक ट्रेड एग्रीमेंट पर वार्ता हुई है. एक अधिकारी की तरफ से न्यूज एजेंसी पीटीआई को बताया गया, 'भारतीय टीम वापस आ रही है.' दोनों ही देशों की कोशिश है कि 1 अगस्त से पहले एक अंतरिम व्यापार समझौते को अंतिम रूप दे दिया जाए. 1 अगस्त को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तरफ से दी हुई टैरिफ की समय सीमा खत्म हो रही है.
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