उम्मीद है कि अन्य देशों को प्रेरणा मिलेगी: ‘सिटीजन स्टैक’ पर अपनी कहानी साझा करते हुए भारत

संयुक्त राष्ट्र में यहां भारत के स्थायी मिशन द्वारा ‘इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय’ की मदद से आयोजित ‘सिटीजन स्टैक: डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर, ट्रांसफॉर्मेटिव टेक्नोलॉजी फॉर सिटिजन्स’ विषय पर पहले सम्मेलन को वीडियो के जरिये संबोधित करते हुए वैष्णव ने यह बात कही.

उम्मीद है कि अन्य देशों को प्रेरणा मिलेगी: ‘सिटीजन स्टैक’ पर अपनी कहानी साझा करते हुए भारत

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ( फाइल फोटो )

इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा है कि भारत ‘डिजिटल सार्वजनिक अवसरंचना' (डीपीआई) के जरिये लोगों को सशक्त बनाने की अपनी यात्रा इस उम्मीद से साझा कर रहा है कि वह अन्य देशों को प्रेरणा देगा, सभी से सीखेगा और अपने खुद की डिजिटल प्राथमिकताओं को निर्धारित करेगा. उन्होंने यहां ‘सिटीजन स्टैक' पर पहले सम्मेलन को संबोधित करते हुए समावेशी विकास और समृद्धि को बढ़ावा देने की खातिर डीपीआई की शक्ति का उपयोग करने में भारत की यात्रा को साझा किया.

वैष्णव रेल एवं संचार मंत्री भी हैं. उन्होंने कहा कि भारत ने यह सुनिश्चित करना एक नीतिगत उद्देश्य बना लिया है कि डिजिटल क्रांति का लाभ देश के विविध समाज के हर कोने तक पहुंचे. उन्होंने कहा, ‘‘इस दृष्टिकोण ने ‘इंडिया स्टैक' के विकास को जन्म दिया है, जो सभी के लिए सुलभ डिजिटल उपकरणों का एक गुलदस्ता है. इस सार्वजनिक बुनियादी ढांचे का निर्माण वास्तविक अर्थों में एक टीम प्रयास है. सरकार, निजी क्षेत्र, गैर-लाभकारी संगठन और स्वयंसेवक सभी ने इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.''

संयुक्त राष्ट्र में यहां भारत के स्थायी मिशन द्वारा ‘इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय' की मदद से आयोजित ‘सिटीजन स्टैक: डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर, ट्रांसफॉर्मेटिव टेक्नोलॉजी फॉर सिटिजन्स' विषय पर पहले सम्मेलन को वीडियो के जरिये संबोधित करते हुए वैष्णव ने यह बात कही. उन्होंने कहा कि पिछले साल नयी दिल्ली में भारत की अध्यक्षता में आयोजित जी20 शिखर सम्मेलन में डीपीआई की परिवर्तनकारी शक्ति को पहचाना गया.

उन्होंने कहा, ‘‘इसके बाद भारत ने डीपीआई के लिए एक वैश्विक भंडार स्थापित करने की पहल की, जिसमें वर्तमान में 16 देशों के 55 से अधिक डीपीआई हैं.'' वैष्णव ने कहा, ‘‘जैसा कि भारत अपनी यात्रा को साझा कर रहा है, ऐसे में हमें उम्मीद है कि हम अन्य देशों को प्रेरित करेंगे और हर किसी से सीखेंगे और अपनी डिजिटल प्राथमिकताओं को निर्धारित करेंगे. हमारा मानना है कि अधिक समावेशी और समृद्ध ग्रह बनाने की हम सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है. हमारा लक्ष्य समावेशी विकास है और यह होना भी चाहिए. भारत ‘एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य' के लोकाचार में विश्वास करता है.''

भारत के जी20 शेरपा अमिताभ कांत ने कहा कि कोविड के बाद की दुनिया देशों को ऋण संकट, जलवायु कार्रवाई की चुनौतियों, जलवायु वित्त एवं भोजन, ईंधन एवं उर्वरक संबंधी चुनौतियों का सामना करते हुए देख रही है. उन्होंने कहा, ‘‘हम यूरोप के साथ-साथ पश्चिम एशिया में भी संघर्ष देख रहे हैं, लेकिन इन सभी चुनौतियों के बीच उम्मीद की एक किरण है और उस उम्मीद की किरण ने वास्तव में दिखाया है कि दुनिया के लिए डिजिटल प्रौद्योगिकी की शक्ति का उपयोग करके आगे बढ़ना और समानता के साथ विकास करना संभव है.''
 

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)