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This Article is From Apr 11, 2023

NCRTC ने सेमी-हाई स्पीड रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम का बदला नाम, जानें RAPIDX की खास बातें

इस परियोजना का शिलान्यास 8 मार्च 2019 को किया गया था. जून 2019 में इसके निर्माण का काम शुरू हुआ. एक बार पूरी तरह से चालू हो जाने के बाद आरआरटीएस ट्रेनों की डिजाइन स्पीड 180 किमी प्रति घंटा और ऑपरेशनल स्पीड 160 किमी प्रति घंटा होगी.

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NCRTC ने सेमी-हाई स्पीड रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम का बदला नाम, जानें RAPIDX की खास बातें
प्रतीकात्मक फोटो.
नई दिल्ली:

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (NCRTC) ने देश की पहली सेमी-हाई स्पीड रेल आधारित रिजनल सर्विस का नाम बदल दिया है. मेरठ, अलवर और पानीपत की लाइनों के साथ दिल्ली की आगामी सेमी-हाई स्पीड रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (RRTS) को अब RAPIDX के रूप में जाना जाएगा. इस नई रेल प्रणाली का अब तक कोई आधिकारिक नाम नहीं था. आरआरटीएस को केवल रेल प्रणाली के प्रकार (यानी एक क्षेत्रीय ट्रेन सेवा) के रूप में संदर्भित किया जाता है. ठीक उसी तरह जैसे एमआरटीएस (मास रैपिड ट्रांजिट सिस्टम) स्थानीय मेट्रो या मोनोरेल सेवाओं को संदर्भित करता है.

दिल्ली-मेरठ आरआरटीएस एक सेमी-हाई स्पीड रेल आधारित ट्रांजिट नेटवर्क है, जिसे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (NCRTC) कार्यान्वित कर रहा है. इसकी कुल लंबाई 82 किलोमीटर है. जिसमें से 14 किमी दिल्ली में है, जबकि 68 किमी उत्तर प्रदेश में है. दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरीडोर परियोजना का उद्देश्य राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में भीड़भाड़ कम करना है. 

8 मार्च 2019 को हुआ था शिलान्यास
इस परियोजना का शिलान्यास 8 मार्च 2019 को किया गया था. जून 2019 में इसके निर्माण का काम शुरू हुआ. एक बार पूरी तरह से चालू हो जाने के बाद आरआरटीएस ट्रेनों की डिजाइन स्पीड 180 किमी प्रति घंटा और ऑपरेशनल स्पीड 160 किमी प्रति घंटा होगी. दिल्ली-मेरठ आरआरटीएस से 55 मिनट के बीच दो प्रमुख शहरों के बीच की दूरी को कवर किया जा सकेगा. साथ ही इस कॉरिडोर में कुल 25 स्टेशन होंगे. इस कॉरिडोर पर रैपिड रेल को 2025 तक पूरी तरह ऑपरेशनल कर दिया जाएगा.

एक कोच में 75 यात्री सफर कर सकेंगे
इसके एक कोच में 75 यात्री बैठकर सफर कर सकेंगे और अधिकतम 400 यात्री सफर कर सकेंगे. इमरजेंसी की स्थिति में रैपिड ट्रेन से मरीज को स्ट्रैचर पर अस्पताल ले जाया जा सकेगा. एनर्जी की बचत करने के लिए रैपिड रेल में जरूरत के आधार पर चुनिंदा दरवाजों को खोलने के लिए पुश बटन होंगे. जिससे हर स्टेशन पर सभी दरवाजे खोलने की जरूरत नहीं होगी.

भारत की पहली रीजनल रेल सेवा 'RAPIDX'की खास बातें:-

  • NCRTC द्वारा भारत की पहली सेमी हाई-स्पीड रीजनल रेल सेवाओं को 'RAPIDX' नाम दिया गया है.
  • ये सेवाएं रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (RRTS) कॉरीडोर पर चलेंगी, जो राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR)में प्रमुख शहरी नोड्स को आपस में जोड़ने के लिए बनाई जा रही है.
  • ब्रांड नाम - RAPIDX पढ़ने में आसान और विभिन्न भाषाओं में उच्चारण करने में आसान है. 'रैपिड' नाम को पहले से ही हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में पूरे क्षेत्र के नागरिकों द्वारा अपनी ट्रैफिक सिस्टम के रूप में अपनाया और पसंद किया जा रहा है.
  • गति और प्रगति को दर्शाने के अलावा, नाम में X अगली पीढ़ी को दर्शाता है. प्रौद्योगिकी और नए युग को दर्शाता है. यह युवाओं, आशावाद और ऊर्जा का भी प्रतिनिधित्व करता है.
  • हरी पत्ती का प्रतीक एनसीआर में ना केवल केवल सड़क पर वाहनों की संख्या को कम करके, बल्कि हरित ऊर्जा के उपयोग से डीकार्बोनाइजेशन के प्रति ब्रांड की प्रतिबद्धता को दर्शाता है.
  • एनसीआरटीसी स्टेशनों और डिपो पर सौर पैनलों की स्थापना के साथ-साथ कर्षण में मिश्रित शक्ति का उपयोग करके हरित ऊर्जा का दोहन कर रहा है जिसे उत्तरोत्तर बढ़ाने की योजना है.
  • रैपिडएक्स यात्रा के एक आधुनिक, विश्व स्तरीय, टिकाऊ, सुविधाजनक, तेज, सुरक्षित और आरामदायक साधनों के माध्यम से एनसीआर में अपने गृहनगर में रहने वाले लोगों को राष्ट्रीय राजधानी से जोड़ेगा.
  • एनसीआर में युवाओं के लिए, रैपिडएक्स उन्हें उनकी आकांक्षाओं की ओर ले जाने वाले अवसरों की दुनिया तक आसान और तेज पहुंच प्रदान करेगा.


 

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