पुणे:
गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने पुणे के फर्ग्यूसन कॉलेज में छात्रों को संबोधित करते हुए अपनी पीठ थपथपाई और केंद्र की यूपीए सरकार को निशाना बनाया। मोदी ने कहा कि देश की युवाशक्ति के टैलेंट का सही दिशा में इस्तेमाल नहीं हो रहा है।
मोदी ने कहा कि हमारी शिक्षा पैसा बनाने की मशीन बन गई है। नरेंद्र मोदी ने यूपीए सरकार के महत्वाकांक्षी खाद्य सुरक्षा कार्यक्रम पर निशाना साधते हुए कहा कि केंद्र यह सोच रहा है कि मात्र विधेयक लाने भर से जररतमंदों तक भोजन पहुंच जाएगा।
बीजेपी की चुनाव अभियान समिति के प्रमुख मोदी ने छात्रों से कहा, दिल्ली की सरकार सोचती है कि केवल खाद्य सुरक्षा विधेयक भर लाने से आपकी थाली में भोजन पहुंच जाएगा। मोदी ने कहा, वर्तमान समय में देश में निराशा की भावना है और उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत का पाश्चात्यीकरण किए बिना, उसे आधुनिक बनाने की आवश्यकता है।
उन्होंने गुजरात सरकार द्वारा शिक्षा और अन्य क्षेत्रों में प्राप्त उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए कहा, देश का निर्माण करने के लिए प्रतिभाओं का विकास करने की जरूरत है। मोदी ने कहा कि शिक्षा एक राष्ट्र के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। उन्होंने कहा, यदि हम एक अच्छी शिक्षा व्यवस्था चाहते हैं, तो हमें अच्छे शिक्षक बनाने होंगे, जो कि अभी तक प्राथमिकता नहीं रही है। मोदी ने कहा, 'अन्य' और 'हमारे' में बड़ा अंतर है। उन्होंने कहा, अन्य लोगों की रुचि सत्ता में होती है, हम सशक्तिकरण को प्राथमिकता देते हैं। वे सत्ता चाहते हैं, हम चाहते हैं कि इस देश का प्रत्येक नागरिक सशक्त बने।
मोदी ने कहा, मैं यहां पर कोई राजनीतिक बयान नहीं देना चाहता, लेकिन क्या व्यवस्था से उम्मीदें पूरी हुई हैं?’ उन्होंने कहा, स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद यदि हमने आधुनिक शिक्षा अपनाई होती, तो इन 60 सालों में हम बहुत कुछ कर पाए होते। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में देश में निराशा का वातावरण है, (लेकिन) मैं इस विचार का समर्थन नहीं करता। उन्होंने जोर देकर कहा, यह आवश्यक है कि हम इस विचार से बाहर निकलें।
मोदी ने कहा, हमारी 65 प्रतिशत से अधिक जनसंख्या 35 वर्ष से कम आयु वाली है। युवाओं की इतनी बड़ी संख्या का अच्छा इस्तेमाल हो सकता है, यदि कोई यह कार्य करने वाला हो। उन्होंने भारतीय और अमेरिकी शिक्षा व्यवस्था की तुलना करते हुए कहा कि अमेरिकी शिक्षा व्यवस्था में व्यक्ति की रचनात्मकता विकसित करने के तरीके खोजे जाते हैं।
सोशल मीडिया पर एक्टिव होने की बात कहते हुए मोदी ने कहा कि ट्विटर में मैंने लोगों से सुझाव आमंत्रित किए थे। 2500 युवाओं ने मुझे सुझाव दिए। मोदी ने कहा कि युवा आज देश की हर बात से चिंतित है। देश के बारे में युवा सोचता है। युवा कुछ करना चाहता है। नौजवान के पास सपने हैं, उमंग है। कुछ करने के लिए उत्साहित है। नौजवान कुछ करने को प्रतिबद्ध है। मोदी ने कहा कि आजादी के बाद देश की सरकारों ने एक भी ऐसा काम नहीं किया कि हम गर्व से विश्व में यह कह सकें कि हमने यह काम किया।
(इनपुट भाषा से भी)
मोदी ने कहा कि हमारी शिक्षा पैसा बनाने की मशीन बन गई है। नरेंद्र मोदी ने यूपीए सरकार के महत्वाकांक्षी खाद्य सुरक्षा कार्यक्रम पर निशाना साधते हुए कहा कि केंद्र यह सोच रहा है कि मात्र विधेयक लाने भर से जररतमंदों तक भोजन पहुंच जाएगा।
बीजेपी की चुनाव अभियान समिति के प्रमुख मोदी ने छात्रों से कहा, दिल्ली की सरकार सोचती है कि केवल खाद्य सुरक्षा विधेयक भर लाने से आपकी थाली में भोजन पहुंच जाएगा। मोदी ने कहा, वर्तमान समय में देश में निराशा की भावना है और उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत का पाश्चात्यीकरण किए बिना, उसे आधुनिक बनाने की आवश्यकता है।
उन्होंने गुजरात सरकार द्वारा शिक्षा और अन्य क्षेत्रों में प्राप्त उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए कहा, देश का निर्माण करने के लिए प्रतिभाओं का विकास करने की जरूरत है। मोदी ने कहा कि शिक्षा एक राष्ट्र के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। उन्होंने कहा, यदि हम एक अच्छी शिक्षा व्यवस्था चाहते हैं, तो हमें अच्छे शिक्षक बनाने होंगे, जो कि अभी तक प्राथमिकता नहीं रही है। मोदी ने कहा, 'अन्य' और 'हमारे' में बड़ा अंतर है। उन्होंने कहा, अन्य लोगों की रुचि सत्ता में होती है, हम सशक्तिकरण को प्राथमिकता देते हैं। वे सत्ता चाहते हैं, हम चाहते हैं कि इस देश का प्रत्येक नागरिक सशक्त बने।
मोदी ने कहा, मैं यहां पर कोई राजनीतिक बयान नहीं देना चाहता, लेकिन क्या व्यवस्था से उम्मीदें पूरी हुई हैं?’ उन्होंने कहा, स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद यदि हमने आधुनिक शिक्षा अपनाई होती, तो इन 60 सालों में हम बहुत कुछ कर पाए होते। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में देश में निराशा का वातावरण है, (लेकिन) मैं इस विचार का समर्थन नहीं करता। उन्होंने जोर देकर कहा, यह आवश्यक है कि हम इस विचार से बाहर निकलें।
मोदी ने कहा, हमारी 65 प्रतिशत से अधिक जनसंख्या 35 वर्ष से कम आयु वाली है। युवाओं की इतनी बड़ी संख्या का अच्छा इस्तेमाल हो सकता है, यदि कोई यह कार्य करने वाला हो। उन्होंने भारतीय और अमेरिकी शिक्षा व्यवस्था की तुलना करते हुए कहा कि अमेरिकी शिक्षा व्यवस्था में व्यक्ति की रचनात्मकता विकसित करने के तरीके खोजे जाते हैं।
सोशल मीडिया पर एक्टिव होने की बात कहते हुए मोदी ने कहा कि ट्विटर में मैंने लोगों से सुझाव आमंत्रित किए थे। 2500 युवाओं ने मुझे सुझाव दिए। मोदी ने कहा कि युवा आज देश की हर बात से चिंतित है। देश के बारे में युवा सोचता है। युवा कुछ करना चाहता है। नौजवान के पास सपने हैं, उमंग है। कुछ करने के लिए उत्साहित है। नौजवान कुछ करने को प्रतिबद्ध है। मोदी ने कहा कि आजादी के बाद देश की सरकारों ने एक भी ऐसा काम नहीं किया कि हम गर्व से विश्व में यह कह सकें कि हमने यह काम किया।
(इनपुट भाषा से भी)
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं
नरेंद्र मोदी, पुणे में नरेंद्र मोदी, फर्ग्यूसन कॉलेज, Narendra Modi, Fergusson College, Narendra Modi In Pune