
- सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार को हुगली में हिंदुस्तान मोटर्स को आवंटित 395 एकड़ से अधिक जमीन वापस लेने के फैसले को बरकरार रखा है.
- हिंदुस्तान मोटर्स द्वारा दी गई याचिका खारिज कर दी गई, जिसमें मई 2025 के हाईकोर्ट फैसले को चुनौती दी गई थी.
- जमीन का उपयोग दशकों से नहीं होने के कारण अदालत ने कंपनी की दलीलों को अस्वीकार कर पुनर्ग्रहण आदेश को सही ठहराया.
पश्चिम बंगाल के हुगली में हिंदुस्तान मोटर्स को आवंटित 395 एकड़ से ज्यादा जमीन वापस लेने का मामले में पश्चिम बंगाल सरकार को सुप्रीम कोर्ट में बड़ी जीत मिली है.सरकार का जमीन वापस लेने का फैसला बरकरार है. सुप्रीम कोर्ट ने कलकत्ता हाईकोर्ट के फैसले पर मुहर लगाई. एम्बेसडर कार के प्लांट लिए ली गई इस जमीन का इस्तेमाल नहीं हुआ था.
जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस केवी विश्वनाथन की पीठ ने हिंदुस्तान मोटर्स द्वारा मई 2025 के कलकत्ता हाईकोर्ट के उस फैसले को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी, जिसमें राज्य के अप्रयुक्त भूमि को फिर से प्राप्त करने के अधिकार की पुष्टि की गई थी. अदालत ने कंपनी की दलीलों पर विचार करने से इनकार कर दिया और कहा कि उसे हाईकोर्ट के फैसले में हस्तक्षेप करने का कोई आधार नहीं मिला, जो ऑटोमोबाइल निर्माता द्वारा दशकों से भूमि का उपयोग न करने पर आधारित था.
इस फैसले से एक लंबे समय से चले आ रहे कानूनी विवाद का अंत हो गया है. ये शुरू हुआ था जब राज्य ने भूमि के लंबे समय तक उपयोग न किए जाने का हवाला देते हुए पश्चिम बंगाल संपदा अधिग्रहण अधिनियम की धारा 6(3) के तहत एक पुनर्ग्रहण आदेश जारी किया था. इस आदेश को पहले पश्चिम बंगाल भूमि ट्रिब्यूनल और बाद में इस साल मई में कलकत्ता उच्च न्यायालय ने बरकरार रखा था. हिन्दुस्तान मोटर्स की ओर से कहा गया था कि पुनर्ग्रहण आदेश मनमाना था और भूमि अप्रयुक्त होने पर भी कंपनी की औद्योगिक संपदा का हिस्सा थी.
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