अर्थव्यवस्था को लेकर चारों तरफ से आ रही नकारात्मक खबरों के बीच मोदी सरकार के लिए एक राहत की खबर आई है. व्यापार करने की सुगमता (ईज ऑफ डूईंग बिजनेस) रैंकिंग में बेहतर प्रदर्शन करने के बाद अब वैश्विक आर्थिक स्वतंत्रता सूचकांक में लंबी छलांग लगाते हुए भारत दुनिया के 162 देशों में 79वें क्रम पर पहुंच गया है. सूचकांक में गत वर्ष इसे 96वां स्थान प्राप्त हुआ था. कैनेडियन थिंकटैंक फ्रेजर इंस्टिट्यूट और भारतीय थिंकटैंक सेंटर फॉर सिविल सोसायटी द्वारा शुक्रवार को संयुक्त रूप से ‘वैश्विक आर्थिक स्वतंत्रता सूचकांक 2019' जारी किया गया.
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यह सूचकांक दुनियाभर के देशों में सरकार के आकार, कानून व्यवस्था व संपत्ति का अधिकार, मुद्रा की सुगमता, अंतर्राष्ट्रीय व्यापार की आजादी और नियमन आदि जैसे पांच क्षेत्रों के बाबत जुटाए गए आंकड़ों के आधार पर जारी किया जाता है. वैश्विक आर्थिक सूचकांक में हांगकांग पहले, सिंगापुर दूसरे, न्यूजीलैंड तीसरे, स्विट्जरलैंड चौथे और यूएस पांचवें क्रम पर है जबकि वेनेजुएला (162वें), लिबिया (161वें), सुडान (160वें), अल्जीरिया (159वें) और अंगोला (158वें) स्थान पर हैं.
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इस प्रतिष्ठित वैश्विक सूचकांक में भारत ने जहां 17 स्थानों की छलांग लगाई है वहीं इसके सभी पड़ोसी देशों की रैंकिंग में गिरावट आई है. सूचकांक में भूटान को 87, श्रीलंका को 104, नेपाल को 110, चीन को 113, बांग्लादेश को 123, पाकिस्तान को 136 व म्यांमार को 148वां स्थान प्रदान किया गया है. पिछले वर्ष इन देशों को क्रमशः 73, 106, 102, 108, 120, 132 व 151 वां स्थान प्राप्त हुआ था. आर्थिक स्वतंत्रता सूचकांक में जापान, जर्मनी, इटली, फ्रांस, मैक्सिको, रूस और ब्राजील जैसी महत्वपूर्ण अर्थव्यवस्थाओं को क्रमशः 17, 20, 46, 50, 76, 85 और 120 वां स्थान प्राप्त हुआ है.
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